हस्तरेखा से जानिए धन सम्पत्ति योग..
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कुछ लोग अपना भाग्य जानने के लिए हाथों की रेखाएं भी देखते हैं, लेकिन हाथों में फैली कई रेखाओं के बीच उन्हें पता नहीं चल पाता कि आखिर उन्हें धन लाभ होगा या नहीं।
किसी भी धनी जातक की हथेली में धन रेखा, जीवन रेखा की तरह हर व्यक्ति की हथेली में एक स्थान से शुरू नहीं होती है। व्यक्ति की हथेली में धन की रेखा अलग-अलग स्थानों से और अलग-अलग रेखाओं और पर्वतों से मिलकर बनी होती है।
भाग्य और हृदय रेखा को काटने वाली रेखा को भी धन रेखा माना जाता है। इसके अलावा आपके हाथ में छोटी-छोटी रेखाओं में भी धन प्राप्ति की संभावनाएं छुपी होती है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यदि गौर से हस्तरेखा को समझा जाए तो बिना ज्योतिषि को दिखाए आप जान सकते हैं कि आपके हाथ में धन योग है या नहीं। साथ ही किस उम्र में धन लाभ की संंभावनाएं
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कौनसे हाथ को देखकर जानें धन रेखा--
बहुत से लोग यह मानते हैं कि पुरुषों का दायां हाथ देखना चाहिए और लड़कियों की बायां, लेकिन आप ऐसा न करें। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार हस्त परीक्षण में उस हथेली को देखना चाहिए जो जातक का कर्म हाथ है यानी अगर आप दाएं हाथ से जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों को करते हैं तो दाईं हथेली और बाएं हाथ से काम करते हैं तो बाईं हथेली देखिए। यह बात स्त्री पुरूष दोनों के लिए समान रूप से लागू होती है।
👉🏻👉🏻अगर आपकी हथेली में जीवन रेखा, भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा से मिलकर एम आकृति बन रही है, तो यह संकेत है कि आप 35 से 55 साल के बीच खूब धन कमाएंगे। इस रेखा का मतलब यह भी होता है कि आपके जीवन में धन का आगमन विवाह के बाद तेजी से होगा। विवाह के बाद ही आप नौकरी या व्यवसाय में उन्नति की ओर बढऩा शुरू करेंगे।
👉🏻👉🏻अंगूठे के पास से निकलकर रेखा बुध पर्वत यानी छोटी उंगली की जड़ तक पहुंचे तो इसका मतलब है कि आप अपने परिवार के सदस्यों की पैतृक संंपत्ति किसी स्त्री के सहयोग से प्राप्त कर सकते हैं। इसक अर्थ ये है कि आप 20-25 वर्ष की उम्र में अमीर बन सकते हैं।
👉🏻👉🏻आपकी हथेली में भाग्य रेखा से निकलकर एक रेखा सूर्य पर्वत पर पहुंच रही है तो आप आर्थिक मामलों में भाग्यशाली होंगे। आप सामाजिक क्षेत्र में प्रतिष्ठित भी होंगे। साथ ही किसी भी उम्र में धन आगमन की संभावनाएं खुली रहेगी।
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किसी जातक की धन सम्पत्ति के लिए हाथ की रेखाएं भी इशारा करती हैं।
जैसे --
–जब जातक का हाथ भारी, गुदगुदा, अंगुलियां सीधी, जीवन रेखा गोल, भाग्य रेखा मोटी से पतली या इसका अंत सीधे शनि ग्रह पर हो और हाथ में सभी ग्रह उन्नत हों तो यह धनपति योग या करोड़पति व्यक्ति का हाथ कहलाता है किन्तु कई बार ऐसा देखा गया है ऐसा योग होने पर भी लक्ष्मी रूठ जाती है। इसके लिए दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश का पूजन विधिवत करने से मनुष्य को इस योग (धनपति) का फल मिलने लगता है।
– जीवन रेखा के साथ पूरी मंगल रेखा, भाग्य रेखाओं की संख्या एक से अधिक, अंगूठा पीछे की तरफ, गुरु ग्रह, शनि ग्रह, बुध ग्रह या अन्य ग्रहों का प्रबल होना, हाथ मुलायम होने से भी धनपति योग बनता है। इस फल में और अधिक बरकत लाने के लिए नित्य लक्ष्मी मंत्र का हवन और गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिये।
👉🏻👉🏻👉🏻सूर्य पर्वत का स्थान उठा हुआ हो और सूर्य रेखा हथेली के मध्य में आकर शुक्र की ओर मुड़ रही है तो आप राजराजेश्वर योग वाले व्यक्ति हैं। आपका जीवन सुख-संपत्ति और धन-धान्य से पूर्ण होगा।
– मस्तिष्क रेखा जितनी ही निर्दोष और सीधी होती है, व्यक्ति उतना ही स्वतंत्र मस्तिष्क का होता है तथा जीवन बिना किसी संकट के आगे बढ़ता है। ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं। यदि इस लक्षण के साथ शुक्र ग्रह उठा हुआ हो, तो कार्य में बाधाएं बहुत अधिक आती हैं। धनपति योग को भी पूरी तरह से सफल करने में रुकावट आती है। इसकी शांति के लिए यंत्र स्थापना विधिवत करवानी चाहिए।
👉🏻👉🏻👉🏻हथेली में तराजू का चिन्ह श्रीमहालक्ष्मी योग कहलाता है। ऐसे व्यक्ति आर्थिक रूप से समृद्ध होने के साथ ही प्रसिद्ध और धार्मिक विचारों वाले होते हैं। इनमें न्याय की भावना होती है। ऐसे व्यक्ति व्यवसाय में बहुत ही सफल होते हैं।
– भाग्य रेखा का जीवन रेखा से दूर होना बहुत ही उत्तम लक्षण माना जाता है। ये व्यक्ति सदैव कार्य करने वाले होते हैं। इनका रहन-सहन बड़े व्यक्तियों जैसा होता है और खर्चे भी इसी के अनुरूप होते हैं। यह एक धनपति योग का लक्षण माना जाता है। किंतु कई बार देखा जाता है कि भाग्य रेखा हृदय रेखा या मस्तिष्क रेखा पर रुक जाने से धनपति योग में बहुत रुकावट आती है। इस दोष को दूर करने के लिए कुबेर पूजन करवाना चाहिए जिससे व्यक्ति के धनवान बनने के बीच की रुकावटें दूर हों।
👉🏻👉🏻👉🏻जब हथेली में भाग्य रेखा साफ और स्पष्ट रूप से आकर सूर्य पर्वत पर आकर ठहरती है तो इसे भाग्य योग और भाग्य लक्ष्मी योग कहते हैं। ऐसे व्यक्ति बचपन से ही धन और वैभव में जीवन बीताते हैं।
– भारी हाथ होने पर रेखाएं जितनी ही पतली, सुडौल और दोषरहित होती हैं, व्यक्ति सुखी, धनवान, स्वस्थ तथा गुणसंपन्न होते हैं। इनकी गिनती गिने चुने धनिको में होती है पर जीवन भर मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष की मुक्ति विपासना साधना द्वारा संभव है।
👉🏻👉🏻👉🏻हथेली में भाग्यरेखा शनि पर्वत से आगे बढ़कर मध्यमा के दूसरे पोर तक पहुंचती हैं वह भाग्योदय योग वाले व्यक्ति होते हैं। ऐसे व्यक्ति का भाग्योदय बचपन में ही हो जाता है और पूरा जीवन धन धान्य से भरपूर होता है।
– मुख्य भाग्य रेखा का अंत बृहस्पति ग्रह पर बहुत देखने को मिलता है। या तो यह भाग्य रेखा जीवन रेखा से निकल कर बृहस्पति पर जाती है या भाग्य रेखा ही शाखान्वित होकर बृहस्पति पर पहुंचती है। 2 रेखाएं जीवन रेखा से निकल कर गुरु पर जाएं तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है और 22 वर्ष की आयु से ही धनी होना शुरू हो जाता है। यदि इस रेखा पर क्राॅस बन जाए तो यह धनवान बनने के योग को कम कर देता है। इसके लिए बृहस्पति पूजन, बृहस्पति यंत्र और बृहस्पति साधना करनी आवश्यक है।
– जीवन रेखा के अंत में कोई रेखा यदि चंद्र पर्वत की तरफ आती हो तो ऐसे व्यक्ति वृद्धावस्था में धनी होते हैं। इस योग का फल कुछ समय पहले भी मिल सकता है। यदि लक्ष्मी पूजन करें और 42 दिन तक लक्ष्मी मंत्र का जाप करें तो धन आयु सीमा से पहले ही आने लगता है।
– हाथ में जीवन रेखा के साथ एक दूसरी समानांतर जीवन रेखा भी देखने में आती है। कई बार यह रेखा पूरी जीवन रेखा के साथ चलती है। यह दोहरी जीवन रेखा कहलाती है। दोहरी जीवन रेखा निर्दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति, धन और प्रतिष्ठा देती है।
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हर किसी के हाथ में होती है अलग-अलग धन रेखा--
👉🏻👉🏻यदि किसी जातक की हथेली में गुरु, चन्द्रमा, शुक्र और बुध पर्वत उन्नत एवं लालिमा लिए हो तो आप राजलक्ष्मी योग वाले व्यक्ति हैं। अपने नाम के अनुसार यह योग व्यक्ति को राजा के समान सुख और वैभव दिलाता है।
👉🏻👉🏻अगर आपकी हथेली में मणिबंध यानी हथेली के अंतिम सिरे शुरु होकर कोई रेखा सीधे शनि पर्वत तक पहुंचे साथ ही चन्द्र पर्वत से शुरु होकर एक रेखा सूर्य पर्वत यानी अनामिका उंगली तक आए तो यह महालक्ष्मी योग बनाता है। ऐसी रेखा बहुत ही दुर्लभ होती है। जिनकी हथेली में पायी जाती है वह धनवान और हर प्रकार के सुख-साधनों को पाने वाले होते हैं।
👉🏻👉🏻हथेली में धन रेखा जीवन रेखा की तरह हर व्यक्ति की हथेली में एक स्थान से शुरू नहीं होती है। व्यक्ति की हथेली में धन की रेखा अलग-अलग स्थानों से और अलग-अलग रेखाओं और पर्वतों से मिलकर बनी होती है। भाग्य और हृदय रेखा को काटने वाली रेखा को भी धन रेखा माना जाता है। इसके अलावा आपके हाथ में छोटी-छोटी रेखाओं में भी धन प्राप्ति की संभावनाएं छुपी होती है।
👉🏻👉🏻यदि किसी जातक की हथेली में शनि पर्वत यानी मध्यमा उंगली और बुध पर्वत यानी छोटी उंगली के पास एक वलय यानी रिंग बना हो। यह वलय एक रेखा से जुड़ा हो तो आपकी हथेली में लक्ष्मी योग बनता है। ऐसे व्यक्ति चतुर और बोल-चाल की कला में निपुण होते हैं। यह अपने व्यक्तित्व से प्रशंसा और ख्याति पाते हैं। धन के मामले भी यह संपन्न होते हैं।
👉🏻👉🏻इस दशा में यदि हाथ का आकार चैड़ा, भारी और मांसल हो तो विपुल धन-संपत्ति प्राप्त होती है। व्यक्ति जीवन में असाधारण उन्नति करने वाला होता है।
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