1. तुलसी जी को नाखूनों से कभी नहीं तोडना चाहिए,नाखूनों के तोडने से पाप लगता है।
2.सांयकाल के बाद तुलसी जी को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए ।
3. रविवार को तुलसी पत्र नहीं
तोड़ने चाहिए ।
4. जो स्त्री तुलसी जी की पूजा करती है। उनका सौभाग्य अखण्ड रहता है । उनके घर
सत्पुत्र का जन्म होता है ।
5. द्वादशी के दिन तुलसी को नहीं तोडना चाहिए ।
6. सांयकाल के बाद तुलसी जी लीला करने जाती है।
7. तुलसी जी वृक्ष नहीं है! साक्षात् राधा जी का अवतार है ।
8. तुलसी के पत्तो को चबाना नहीं चाहिए।
"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।।
अर्थात-
तुलसी को कभी पेड़ ना समझें
गाय को पशु समझने की गलती ना करें और गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें, क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैँ।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री एवम उनके साथी वेदाचार्यों द्वारा पाठकों/दर्शकों हेतु शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित 5 मुखी रूद्राक्ष का (111 का-संख्या) निःशुल्क वितरण किया जाएगा। निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें निःशुल्क प्राप्त करने हेतु पंडित दयानन्द शास्त्री के निम्न पते पर पर्याप्त डाक टिकट लगा और स्वयं का पता लिखा लिफाफा भिजवाने की व्यवस्था करें। जो लोग कोरियर या स्पीड पोस्ट से मंगवाना चाहते वे पेकिंग चार्ज एवम कोरियर/स्पीड पोस्ट से इन शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित रुद्राक्ष प्राप्ति हेतु 150/-Paytm (नम्बर 9039390067 – वाट्सएप पर) करके सूचित करें। - vastushastri08@gmail.com, FOR ASTROLOGY www.expertpanditji.com , FOR JOB www.uniqueinstitutes.org
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5. द्वादशी के दिन तुलसी को नहीं तोडना चाहिए ।
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7. तुलसी जी वृक्ष नहीं है! साक्षात् राधा जी का अवतार है ।
8. तुलसी के पत्तो को चबाना नहीं चाहिए।
"तुलसी वृक्ष ना जानिये।
गाय ना जानिये ढोर।।
गुरू मनुज ना जानिये।
ये तीनों नन्दकिशोर।।
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