आज रवि पुष्य योग (17 मार्च 2019 - रविवार)... (क्या करें उपाय की जीवन हो सुखी और समृद्ध)...


आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि, रविवार का दिन और बहुत ही शुभ पुष्य नक्षत्र है। रविवार के साथ पुष्य नक्षत्र मिलकर रवि-पुष्य योग बनाता है, जो कि तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिये और किसी तरह की जड़ी-बूटी ग्रहण करने के लिये बहुत ही अच्छा माना जाता है। 

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि हिन्दू धर्म ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभकारक नक्षत्र कहा जाता है। पुष्य का अर्थ होता है कि पोषण करने वाला और ऊर्जा-शक्ति प्रदान करने वाला नक्षत्र। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति हमेशा ही लोगों की भलाई व सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातक अपनी मेहनत और साहस के बल पर जिंदगी में तरक्की प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर संपत्ति और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था। जब भी गुरुवार अथवा रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र आता है तो इस योग को क्रमशः गुरु पुष्य नक्षत्र और रवि पुष्य नक्षत्र के रूप में जाना जाता है।

आज 17 मार्च 2019 को रवि पुष्य योग एवं सर्वाथ सिद्ध योग, अमृतसिद्ध योग विशेष होने के कारण प्रेमी युगल और विवाहित जोड़े प्रभु दर्शन करें, इसके बाद वे कामदेव को प्रसन्न कर अपने प्रेम तथा सफल दाम्पत्य जीवन की कामना एवं प्रार्थना करें, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

पुष्य नक्षत्र का दशा स्वामी शनि होने से इस नक्षत्र के दरमियान घर में आयी संपत्ति या समृद्धि चिरस्थायी रहती है। पुष्य नक्षत्र में किए गए कामों को हमेशा सफलता व सिद्धि मिलती है। इसलिए, विवाह को छोड़कर हर एक कार्यों के लिए पुष्य नक्षत्र को शुभ माना जाता है।पुष्य नक्षत्र को ब्रह्याजी का श्राप मिला था, इसलिए यह नक्षत्र शादी-विवाह के लिए वर्जित माना गया है। पुष्य नक्षत्र में दिव्य औषधियों को लाकर उनकी सिद्धि की जाती है। जीवन में संपत्ति और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए पुष्य नक्षत्र व्यक्ति को पूरा अवसर प्रदान करता है। इस दिन किए गए सभी मांगलिक कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होते हैं।

पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र आठवां नक्षत्र होता है जो सभी नक्षत्रों में श्रेष्ठ स्थान रखता है। रविवार के दिन पड़ने वाले इस संयोग को रवि-पुष्य योग के नाम से जाना जाता है। इस महीने रवि-पुष्य का शुभ महासंयोग 17 मार्च 2019 (रविवार) को बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि आज इस दिन अपनी सभी समस्याओं के समाधान के लिए आप निम्न में से कुछ ऊपाय कर सकते हैं--

👉🏻👉🏻👉🏻 पुष्य नक्षत्र में लक्ष्मी पूजा करने से लाभ होता है, इसलिए इसदिन लक्ष्मी यंत्र कि स्थापना अपने पूजा स्थान पर करें।
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रवि-पुष्य योग में मोती शंख का उपाय धन लाभ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि रवि-पुष्य योग में मोती शंख को कारखाने में स्थापित किया जाए तो कारखाने में तेजी से आर्थिक उन्नति होती है।
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इस दिन लक्ष्मी मंदिर में कमल गट्टे कि माला और शिव मंदिर में रुद्राक्ष की माला चढ़ाने से लाभ मिलता है। 
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 काले तिल को पानी में डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने से पितरों कि आत्मा को शांति मिलती है।
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रविवार को चांदी का सिक्का खरीदकर इसपर कुमकुम लगाकर, इसे अपनी तिजोरी में रखें, इससे धन लाभ होगा। 
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किसी शिव मंदिर में बैठकर महा मृत्युंजय का जाप करने से सभी परेशानियों से निजात मिलती है। 
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पुष्य नक्षत्र वाले दिन बरगद के पत्ते को लाकर हल्दी से स्वस्तिक बनाकर अपने घर में रखने से आपके सौभाग्य में वृद्दि होती हैं ।
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पुष्य नक्षत्र वाले दिन शुभ मुहूर्त में बहेड़े की जड़ या उसका पत्ता व् शंखपुष्पी की जड़ अपने घर लाकर उसे चांदी की डिब्बी में रखकर उसे अपनी तिजोरी में रखने से धन लाभ होता हैं ! और कभी धन की कमी  नही रहती हैं !
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रवि-पुष्प व हरियाली अमावस्या के शुभ योग में शिवलिंग पर 11 या 21 बेल पत्र चढ़ाएं व धन लाभ के लिए प्रार्थना करें।
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रवि पुष्य के शुभ योग में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। 
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 रवि-पुष्य नक्षत्र में धन प्राप्ति के लिए कमलगट्टे की माला पर महालक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करें। मंत्र है-"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥" ऐसा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन लाभ का वरदान प्रदान करतीं हैं।
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रवि-पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर माता लक्ष्मी को चढ़ाने और उनके पास रखने से देवी अन्नपूर्ण प्रसन्न होती हैं। 
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इस रविवार लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान करने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री एवम उनके साथी वेदाचार्यों द्वारा पाठकों/दर्शकों हेतु शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित 5 मुखी रूद्राक्ष का (111 का-संख्या) निःशुल्क वितरण किया जाएगा। निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें निःशुल्क प्राप्त करने हेतु पंडित दयानन्द शास्त्री के निम्न पते पर पर्याप्त डाक टिकट लगा और स्वयं का पता लिखा लिफाफा भिजवाने की व्यवस्था करें। जो लोग कोरियर या स्पीड पोस्ट से मंगवाना चाहते वे पेकिंग चार्ज एवम कोरियर/स्पीड पोस्ट से इन शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित रुद्राक्ष प्राप्ति हेतु 150/-Paytm (नम्बर 9039390067 – वाट्सएप पर) करके सूचित करें। - vastushastri08@gmail.com, FOR ASTROLOGY www.expertpanditji.com , FOR JOB www.uniqueinstitutes.org

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