कल (रविवार - 10 मार्च 2019 को) चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। शाम को 5 बजे हुई प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने इनकी घोषणा की | लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा। दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान 6 मई, छठे चरण का मतदान 12 मई और अंतिम व आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही देश में आचार संहिता भी लागू हो गई है।मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मीडिया के समक्ष लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। बता दें, पिछले लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी रविवार को किया गया था। इस बार भी रविवार को ही तारीखों का ऐलान किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि चुनाव के लिए परीक्षाओं और त्योहरों को ध्यान में रखा गया। सभी राज्यों के मुख्य सचिव से बात की। इस बार 8 करोड़ 43 हजार वोटर बढ़े हैं। चुनाव में 10 लाख बूथ पर 90 करोड़ वोटर वोट डालेंगे। उन्होंने बताया कि 18 से 19 साल के डेढ़ करोड़ वोटर हैं। 99.3 फीसदी वोटर के पास आईडी कार्ड हैं। मतदान केंद्रों में पानी व बिजली का खास ध्यान रखा जाएगा। 10 लाख बूथ पर वोट डाले जाएंगे। ईवीएम पर उम्मीदवार की तस्वीर होगी। सभी बूथ वीवीपेट मशीन होगी।
यह रहेगा लोकसभा चनाव 2019 का कार्यक्रम---
7 चरणों में होगा मतदान....
1st Phase - 11th April
2nd Phase - 18th April
3rd Phase - 23rd April
4th Phase - 29th April
5th Phase - 6th May
6th Phase - 12th May
7th Phase - 19th May
चुनाव आयोग ने रविवार को पांच बजे प्रेस वार्ता शुरू की लेकिन ज्योतिष के अनुसार यह 'राहु काल' का अशुभ समय है। उज्जैन के ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि 'हर दिन 'राहुकाल' डेढ़ घंटे का होता है। रविवार को यह शाम को आम तौर पर होता है। उनके अनुसार राहुकाल में नए काम नहीं शुरू करने चाहिए। इसे अच्छा नहीं माना जाता हैं।
पहली जनवरी ,2019 को मंगलवार , सूर्य- शनि के योग तथा वृश्चिक राशि में नव वर्ष का आरंभ हुआ था।
यदि 5 अप्रैल को आरंभ होने वाले परिधावी नामक ,नव संवत 2076 के अनुसार देखें तो दो विपरीत ग्रह , राजा शनि तथा मंत्री सूर्य हैं। बीच बीच में सभी ग्रह राहु- केतु के मध्य आ जाने से कालसर्प योग भी बना हुआ है।
मंगलवारी संक्राति, मास में 5 मंगलवार, 5 ग्रहण ,वर्ष का आरंभ मंगलवार को, सूर्य - शनि का समसप्तक योग, कुछ राज्यों में सत्ता परिवर्तन, हिंसक घटनाएं, अग्निकांड, बमकांड, अराजकता, युद्धमयी वातावरण इंगित करते हैं।
भारत की कुंडली , 15 अगस्त , 1947 रात्रि, 12 बजे,
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी की 17 सितंबर,1950, महसाना तथा
प्रधान मंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी की 19 जून, 1970,
दिल्ली,
कांग्रेस पार्टी की 22 नवंबर,1969, बंगलौर,
भाजपा की 6 अप्रैल 1980, दिल्ली तथा अन्य कई गूगल पर उपलब्ध (जानकारी के आधार पर) ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर यहां भविष्यवाणी की जा रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में परिणाम आश्चर्यजनक एवं अप्रत्याशित ही होंगे। कई राज्यों में भाजपा गठबंधन फीका रहेगा परंतु बंगाल, असम, कर्नाटक, गुजरात व पूर्वी राज्यों में वोट प्रतिशत बढ़ेगा। कहते है पूरा संसार नवग्रहों का खेल है जिन्हे कृपा होती है वो ही इसे समझ पाते है तथा बुद्धि मॆ स्थिरता पाते है। भगवतकृपा से जो माया को समझता वो ही भवसागर से मुक्त हो पाता है यह कृपा ईश्वरकृपा से निश्छल मन वाले ही प्राप्त कर पाते है। ग्रह आदमी को कभी बुलंदी पर तो कभी धूल मॆ मिला देते है। कुंडली मॆ चौथे भाव से जनता से मिलनेवाला सम्मान, सम्पत्ति तथा सुख के विषय मॆ विचार किया जाता है।
केंद्र में कुल मिला कर गठबंधन सरकार ही बनेगी जिसमें कई नए घटक शामिल हो सकते हैं। यह नव निर्मित गठबंधन सरकार हो सकती है परंतु ग्रहयोग के अनुसार नेतृत्व मोदी ही करेंगे।
2019 में नव संवत 2076 के अनुसार राजा शनि तथा मंत्री सूर्य होंगे जो एक दूसरे के परस्पर शत्रु ग्रह हैं। इस ग्रह - गठबन्धन से जनता में तनाव बढेगा परंतु न्याय पालिका सशक्त रहेगी।
'मोदी हटाओ -भाजपा भगाओ ' के नारे विफल रहेंगे तथा विपक्षी पार्टियों का ' महागठबंन्धन ' कुल मिला कर आपसी समन्वय न होने के कारण ' बैक टू स्केयर ' हो जाएगा। सत्तारुढ़ एवं विपक्षी दल जनता से पैसा बटोरने की फिराक में रहेंगे। समाज का निम्न एवं उच्च वर्ग सरकारी नीतियों से लाभान्वित होगा परंतु मध्यम वर्ग भाजपा शासन में और पिसेगा।
FOR ASTROLOGY www.shubhkundli.com, FOR JOB www.uniqueinstitutes.org
यह रहेगा लोकसभा चनाव 2019 का कार्यक्रम---
7 चरणों में होगा मतदान....
1st Phase - 11th April
2nd Phase - 18th April
3rd Phase - 23rd April
4th Phase - 29th April
5th Phase - 6th May
6th Phase - 12th May
7th Phase - 19th May
चुनाव आयोग ने रविवार को पांच बजे प्रेस वार्ता शुरू की लेकिन ज्योतिष के अनुसार यह 'राहु काल' का अशुभ समय है। उज्जैन के ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि 'हर दिन 'राहुकाल' डेढ़ घंटे का होता है। रविवार को यह शाम को आम तौर पर होता है। उनके अनुसार राहुकाल में नए काम नहीं शुरू करने चाहिए। इसे अच्छा नहीं माना जाता हैं।
पहली जनवरी ,2019 को मंगलवार , सूर्य- शनि के योग तथा वृश्चिक राशि में नव वर्ष का आरंभ हुआ था।
यदि 5 अप्रैल को आरंभ होने वाले परिधावी नामक ,नव संवत 2076 के अनुसार देखें तो दो विपरीत ग्रह , राजा शनि तथा मंत्री सूर्य हैं। बीच बीच में सभी ग्रह राहु- केतु के मध्य आ जाने से कालसर्प योग भी बना हुआ है।
मंगलवारी संक्राति, मास में 5 मंगलवार, 5 ग्रहण ,वर्ष का आरंभ मंगलवार को, सूर्य - शनि का समसप्तक योग, कुछ राज्यों में सत्ता परिवर्तन, हिंसक घटनाएं, अग्निकांड, बमकांड, अराजकता, युद्धमयी वातावरण इंगित करते हैं।
भारत की कुंडली , 15 अगस्त , 1947 रात्रि, 12 बजे,
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी की 17 सितंबर,1950, महसाना तथा
प्रधान मंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी की 19 जून, 1970,
दिल्ली,
कांग्रेस पार्टी की 22 नवंबर,1969, बंगलौर,
भाजपा की 6 अप्रैल 1980, दिल्ली तथा अन्य कई गूगल पर उपलब्ध (जानकारी के आधार पर) ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर यहां भविष्यवाणी की जा रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव में परिणाम आश्चर्यजनक एवं अप्रत्याशित ही होंगे। कई राज्यों में भाजपा गठबंधन फीका रहेगा परंतु बंगाल, असम, कर्नाटक, गुजरात व पूर्वी राज्यों में वोट प्रतिशत बढ़ेगा। कहते है पूरा संसार नवग्रहों का खेल है जिन्हे कृपा होती है वो ही इसे समझ पाते है तथा बुद्धि मॆ स्थिरता पाते है। भगवतकृपा से जो माया को समझता वो ही भवसागर से मुक्त हो पाता है यह कृपा ईश्वरकृपा से निश्छल मन वाले ही प्राप्त कर पाते है। ग्रह आदमी को कभी बुलंदी पर तो कभी धूल मॆ मिला देते है। कुंडली मॆ चौथे भाव से जनता से मिलनेवाला सम्मान, सम्पत्ति तथा सुख के विषय मॆ विचार किया जाता है।
केंद्र में कुल मिला कर गठबंधन सरकार ही बनेगी जिसमें कई नए घटक शामिल हो सकते हैं। यह नव निर्मित गठबंधन सरकार हो सकती है परंतु ग्रहयोग के अनुसार नेतृत्व मोदी ही करेंगे।
2019 में नव संवत 2076 के अनुसार राजा शनि तथा मंत्री सूर्य होंगे जो एक दूसरे के परस्पर शत्रु ग्रह हैं। इस ग्रह - गठबन्धन से जनता में तनाव बढेगा परंतु न्याय पालिका सशक्त रहेगी।
'मोदी हटाओ -भाजपा भगाओ ' के नारे विफल रहेंगे तथा विपक्षी पार्टियों का ' महागठबंन्धन ' कुल मिला कर आपसी समन्वय न होने के कारण ' बैक टू स्केयर ' हो जाएगा। सत्तारुढ़ एवं विपक्षी दल जनता से पैसा बटोरने की फिराक में रहेंगे। समाज का निम्न एवं उच्च वर्ग सरकारी नीतियों से लाभान्वित होगा परंतु मध्यम वर्ग भाजपा शासन में और पिसेगा।
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