लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा और कांग्रेस के सितारे क्या कहते हैं ??

धनु राशि में शनि का होने से होगा प्रभाव??


भारत गणराज्य में अप्रैल-मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के समय लोकतंत्र और जनता के कारक ग्रह शनि धनु राशि में रहस्यमयी ग्रह केतु के साथ गोचर कर रहे होंगे। धनु राशि में शनि के गोचर ने हमेशा केंद्र सरकार को कुछ कमजोर ही किया है। देश में चुनावी बिगुल बज चुका है। लोकतंत्र का यह महापर्व सात चरणों में होने वाला है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही देश भर के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों ने राजनीतिक पार्टियों और नेताओं की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। राजनेताओं की ग्रहदशा के आधार पर ज्योतिषाचार्यों ने चुनावी गणित शुरू कर दी है।
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15 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि में आज़ाद हुए भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है जहां चन्द्रमा में गुरु की विंशोतरी दशा चल रही है। चन्द्रमा तीसरे घर में चार अन्य ग्रहों के साथ बैठकर धर्म और विदेश नीति से संबंधित नवम भाव को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। चन्द्रमा के इस प्रभाव के चलते चुनावों में धार्मिक मुद्दों और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर जमकर राजनीति होगी।

पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इसका ज्योतिषीय कारण वृषभ लग्न की आज़ाद भारत की कुंडली में धनु राशि का हानि के अष्टम भाव में पड़ना है। शनि चूंकि भारत की आज़ादी की कुंडली में नवम और दशम भाव का अधिपति होकर विदेश नीति, धार्मिक मसलों और केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है तो इसका गोचर में हानि स्थान यानी अष्टम भाव में जाना कतई शुभ नहीं हो सकता। आजादी के बाद 1959 से 1961 के बीच शनि ने धनु राशि में गोचर किया था तब तिब्बत में चीन की घुसपैठ ने भारत और चीन के संबंधो में कटुता ला दी थी।
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क्या अगला विपक्ष होगा मजबूत --

अन्तर्दशा नाथ गुरु छठे घर में बैठकर रक्षा मामलों में कथित गड़बड़ी जैसे राफेल और ऑगुस्टा वेस्टलैंड के मुद्दों को गरमाए रखेगा। किन्तु छठे घर से गुरु की दृष्टि लग्न और चन्द्रमा दोनों से सत्ता स्थान यानी दशम भाव पर पड़ रही है जो कि माजूदा सरकार के सत्ता में वापिस आने का ज्योतिषीय संकेत है। किन्तु शनि की कमजोर गोचर के चलते बीजेपी की सीटों में कमी आएगी और कांग्रेस एक मजबूत विपक्षी दल बनकर उभरेगी। क्षेत्रीय दलों का उभार एक बार फिर से केंद्र में गठबंधन की राजनीतिक उठा-पटक से बड़े राष्ट्रीय दलों को परेशान करेगा।
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शनि पहले भी कर चुका है ऐसा हाल---

1959 में इंदिरा गाँधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध नेहरू को पार्टी के भीतर झेलना पड़ा था जिन पर तब परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा था।

वर्ष 1987 से 1991 की अवधि में शनि दोबारा धनु राशि में लौट कर आए थे तब बोफोर्स कांड, राम मंदिर आंदोलन और मंडल आंदोलन ने भारत की राजनीति में तूफान ला दिया था। उस समय शनि के धनु में गोचर के चलते राजीव गांधी को सत्ता गंवानी पड़ी थी। वी पी सिंह और चंद्रशेखर केवल कुछ महीनों तक ही गठबंधन सरकार चला पाए थे। देश भयंकर आर्थिक संकट से गुज़र रहा था।

इस वर्ष 2019 में आम चुनावों के दिनों में एक बार फिर से शनि धनु राशि में गोचर कर रहे हैं।
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क्या कहती हैं भाजपा की कुण्डली---

भाजपा की स्थापना कुंडली 6 अप्रैल 1980 दोपहर 11 बजकर 45 मिनट दिल्ली की है। मिथुन लग्न की इस कुंडली में दशम भाव में बैठे सूर्य की प्रबल दशा ने अप्रैल 2012 से अप्रैल 2018 के बीच पार्टी को चुनावों में बड़ी सफलता दी। 2014 के आम चुनावों में धमाकेदार जीत और कई राज्यों में सरकार बनाकर भाजपा एक समय लगभग अपराजय लग रही थी। किन्तु फिर अप्रैल 2018 में रोग स्थान में बैठे नीच के चन्द्रमा की महादशा ने बीजेपी को एक के बाद एक कई झटके देने शुरू किए।
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क्या नीच का चंद्रमा करेगा भाजपा का बुरा हाल---

नीच के चन्द्रमा की दशा में भाजपा कर्णाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पिछले साल सत्ता हासिल करने में विफल रही। रोग स्थान में बैठे चन्द्रमा की दशा में बीजेपी के कई बड़े नेता गंभीर रूप से बीमार पड़े। केंद्रीयमंत्री अनंतकुमार और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर कैंसर जैसी आसाध्य बीमारी के चलते असमय मृत्यु को प्राप्त हुए। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज भी खराब स्वस्थ के चलते काम-काज से काफी समय तक दूर रहे। अब बीजेपी की कुंडली में चन्द्रमा में मंगल की अन्तर्दशा 15 फरवरी से शुरू हुई है। अन्तर्दशानाथ मंगल छठे और लाभ स्थान का स्वामी है। चन्द्रमा में मंगल की इस दशा में बीजेपी सत्ता में वापसी तो कर सकती है किन्तु उसकी सीटें इस बार घटकर 200 से नीचे भी रह सकती हैं।
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कांग्रेस पर भारी होगा कंटक शनि..

कांग्रेस की स्थापना कुंडली 2 जनवरी 1978 को दोपहर 12 बजे दिल्ली की है जिसमें मीन लग्न मौजूद है। वर्ष 2013 -2014 में तुला राशि में शनि का गोचर कांग्रेस पार्टी के अष्टम भाव में था जिसने पार्टी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंका। राहु और शनि का संयुक्त गोचर तुला राशि में कांग्रेस के अष्टम भाव को पीड़ित कर रहा था जिसने पार्टी को लोकसभा में केवल 44 सीटों पर सिमटने को विवश कर दिया था। गुरु में बुध की मारक दशा में चल रही कांग्रेस पार्टी अपनी अध्यक्ष सोनिया गांधी की बीमारी से तब असमंजस की स्थिति में थी। किन्तु वर्ष 2017 में दशम भाव में बैठे शुक्र की अन्तर्दशा के शुरू होने के बाद से कांग्रेस के संगठन में कुछ जान आनी शुरू हुई। गुरु में शुक्र की दशा में कांग्रेस ने नवंबर 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया। राहुल गांधी के कांग्रेस का नेतृत्व संभालने के बाद से पार्टी के भीतर नयी ऊर्जा का संचार होने लगा है। किन्तु धनु राशि में गोचर कर रहे शनि कांग्रेस के कन्या राशि के चन्द्रमा से चतुर्थ भाव में हो कर ‘कंटक-शनि’ का योग बना रहे हैं। लोकसभा चुनावों के समय गुरु-शुक्र-बुध की विंशोत्तरी दशा चल रही होगी। शत्रु राशि में पड़े इन ग्रहों की दशा में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या तो बढ़ेगी किन्तु सत्ता में आना उसके लिए संभव नहीं है। कांग्रेस पार्टी 100 से अधिक सीट जीत कर एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा सकती है किन्तु बीजेपी को वापसी से रोक पाना उसके लिए असंभव होगा।
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पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि नरेन्द्र मोदी के जन्म के समय चंद्रमा और मंगल दोनों ही कुंडली के पहले घर में वृश्चिक राशि में बैठे हैं। इससे मोदी जी की कुंडली में कई शुभ योग हैं। नरेन्द्र मोदी की जन्म कुंडली में गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच ऊंग योग, अमर योग, कालह योग, शंक योग और वरिष्ठ योग बना हुआ है। 
मोदी की जन्म कुंडली के ग्रह नक्षत्रों के अनुसार वे विपक्षियों के भारी विरोध के बावजूद फिर से देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
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पीएम मोदी के लिए इस समय है बहुत बढ़िया ग्रह नक्षत्र---

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली वृश्चिक राशि और वृश्चिक लग्न की है। इसके साथ ही पीएम की कुंडली में चंद्रमा की महादशा भी चल रही है। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यह महादशा 2021 तक चलेगी। पीएम की कुंडली में 3 मार्च 2019 तक चंद्रमा की महादशा में बुध का अतर आ गया था। इसके बाद अब पीएम मोदी की कुंडली में केतु का अतर आ गया है। यह भाग्य बदलने वाला साबित होगा।

वृश्चिक लग्न में केतु लाभकारी होता है और नरेंद्र मोदी की कुंडली भी वृश्चिक लग्न की है। इसके अलावा वृश्चिक लग्न के लिए बृहस्पति पंचमेश में होता है जो कि बहुत बढ़िया स्थिति मानी गई है। अर्थात मार्च की शुरुआत से प्रधानमंत्री के बहुत अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। इससे स्पष्ट है कि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बीजेपी केंद्र की सत्ता में काबिज होगी।
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फेल रहेगा महागठबंधन---

पंडित दयानन्द शास्त्री ने महागठबंधन और उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा गठबंधन की ग्रहदशा का भी अध्यन किया है। उन्होंने बताया कि, इस आम चुनाव में मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन को उतना अधिक लाभ नहीं होगा, जितना वो सोच रहे हैं। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि देश की सत्ता से नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बाहर के लिए बनाया गया महागठबंधन भी पूरी कोशिशों के बाद भी भाजपा को टक्कर नहीं दे पाएगा। पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि लाख कोशिशों के बाद भी महागठबंधन 230-240 सीटों तक सिमट जाएगा, जबकि बीजेपी का गठबंधन एनडीए 300 सीटों का आंकड़ा पार कर लेगा।

बहुसंख्यक हिंदुओं के भाजपा के पक्ष में गोलबंद होने के बाद अल्पसंख्यक ध्रुवीकरण के बल पर चुनावी जीत का मिथक भी ध्वस्त हो गया है। भाजपा लोगों को यह समझाने में सफल हो रही है कि वही बहुसंख्यक समाज की हितैषी है। बाकी सभी दल बहुसंख्यक की कीमत पर अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करते हैं। फिलहाल विपक्ष बिखरा हुआ है. उसके पास कोई सर्वमान्य नेता भी नहीं है इसलिए, इससे पहले कि विपक्ष का गंठबंधन आकर ले, भाजपा को अपने पक्ष में माहौल बनता नजर आ रहा हैं। दिल्ली में भाजपा लौट सकती है और कांग्रेस का प्रभाव भी बढ़ेगा।

इसलिए अगर विपक्ष अकेले अकेले चुनावी समर में जाता है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की बात सही लगती है कि वर्ष 2019 के चुनाव में विपक्ष के लिए कोई संभावना नहीं है. उसे 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने उपलब्ध आंकड़ों पर  ज्योतिष गणना कर बताया है कि, 3 मार्च 2019 से भाजपा के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के गृहनक्षत्रों में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि, इसका सीधा फायदा सत्ताधारी पार्टी को होगा और देश में एक बार फिर मोदी सरकार बनेगी।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री एवम उनके साथी वेदाचार्यों द्वारा पाठकों/दर्शकों हेतु शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित 5 मुखी रूद्राक्ष का (111 का-संख्या) निःशुल्क वितरण किया जाएगा। निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें निःशुल्क प्राप्त करने हेतु पंडित दयानन्द शास्त्री के निम्न पते पर पर्याप्त डाक टिकट लगा और स्वयं का पता लिखा लिफाफा भिजवाने की व्यवस्था करें। जो लोग कोरियर या स्पीड पोस्ट से मंगवाना चाहते वे पेकिंग चार्ज एवम कोरियर/स्पीड पोस्ट से इन शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित रुद्राक्ष प्राप्ति हेतु 150/-Paytm (नम्बर 9039390067 – वाट्सएप पर) करके सूचित करें। - vastushastri08@gmail.com, FOR ASTROLOGY www.expertpanditji.com , FOR JOB www.uniqueinstitutes.org

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