किसी भी घर (आवास/मकान/निवास स्थान) का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है उस घर के खिड़की और दरवाजे। जब कोई भी बाहरी व्यक्ति आपके घर आता है तो सबसे पहले वह दरवाजों से होकर ही गुजरता है। खिड़की दरवाजों से न केवल घर की गोपनीयता और निजता बनी रहती है बल्कि उस घर में रहने वालों को इससे सुरक्षा भी मिलती है। वास्तुविद पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार भारत के प्राचीन वैदिक विज्ञान वास्तुशास्त्र में खिड़की- दरवाजों की स्थिति को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। खिड़की दरवाजे कितने और किस दिशा में हों, उनका आकार कैसा हो, उनमें ग्लास किस तरह के लगाए जाएं, उनका रंग कैसा हो जैसी अनेक बातों को लेकर निर्देशित किया गया है। वास्तुशात्री पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार लगे खिड़की दरवाजे उस घर में रहने वालों को न केवल मानसिक सुख शांति देते हैं, बल्कि अनेक परेशानियों से भी बचाते हैं।
हमारे घरों में खिड़कियां धूप-हवा और रोशनी का स्रोत है। हर घर में खिड़कियों का इसलिए महत्वपूर्ण स्थान होता है। धूप और प्राकृतिक रोशनी हमें कई तरह की शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्त करती है। वास्तु के अनुसार यदि घर में खिड़कियों को लगाया जाए तो समृद्धि और स्वास्थ्य दोनों में लाभ होगा।
👉🏻👉🏻घर में खिड़कियों की संख्या सम हो जैसे 2-4-6-8-10। विषम संख्या शुभ नहीं मानी जाती है।
👉🏻👉🏻घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ खिड़कियां होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण रहे। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
👉🏻👉🏻 खिड़कियां घर के पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी दीवार पर होना शुभ माना जाता है।
👉🏻👉🏻पूर्व दिशा सूर्य की मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में ज्यादा-से-ज्यादा खिड़कियां शुभ मानी जाती है। इससे घर में सूर्य का प्रकाश और धूप दोनों पर्याप्त मात्रा में आता है। इससे इस तरह के घर में रहने वाले निवासियों को अच्छे स्वास्थ्य और मानसम्मान की प्राप्ति होती है।
👉🏻👉🏻 उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की है, अत: इस दिशा में खिड़कियां घर के निवासियों पर कुबेर की कृपादृष्टि के लिए अच्छी मानी जाती है। इससे घर-परिवार में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।
👉🏻👉🏻 यदि उत्तर दिशा की दीवार से किसी और का घर लगा हुआ है तो आप अपने घर और पड़ोसी के घर के बीच जगह खाली रखें और फिर खिड़की बनाएं। इससे आपके कमरे का आकार छोटा हो सकता है। लेकिन इस उपाय से भवन के स्वामी के आर्थिक संकट दूर ही रहते हैं। (उत्तर दिशा में वैसे भी खाली स्थान अवश्य ही छोड़ना चाहिए।)
👉🏻👉🏻खिड़की को लगाते समय भी दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है। उत्तरी दीवार पर यदि खिड़की लगा रहे हैं तो उसका झुकाव उत्तर-पूर्व की ओर अधिक होना चाहिए।
👉🏻👉🏻दक्षिण दिशा यम की दिशा है अत: इस दिशा में खिड़कियां छोटी और कम-से-कम ही बनानी चाहिए जिससे भवन में हवा का क्रॉस वेंटिलेशन तो हो सके, लेकिन दोपहर बाद की सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें घर में प्रवेश न कर सकें। यदि यहां पर खिड़कियां बनाना आवश्यक हो तो उन्हें कम ही खोलें।
👉🏻👉🏻घर की सभी खिड़कियों का आकार-प्रकार और साइज एक जैसा होना चाहिए। आयताकार आकर सबसे उत्तम माना गया है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार फेंसी आकार के अनियमित आकार के खिड़की दरवाजे लगाने से बचना चाहिए।
👉🏻👉🏻 खिड़कियां अंदर की तरफ खुलें। यदि भवन में खिड़कियों में अंदर और बाहर दोनों तरफ पल्ले होते हैं तो वहां पर अंदर की तरफ पल्लो वाली खिड़कियों को ही खोलना चाहिए।
👉🏻👉🏻दरवाजे और खिड़कियां एक दूसरे के विपरीत दिशा में लगाना चाहिए ताकि पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी का चक्र पूरा होता रहे। आधुनिक भाषा में इसे क्रॉस वेंटिलेशन कहा जाता है।
👉🏻👉🏻 खिड़कियों को साफ और स्वच्छ रखें। खिड़कियां खुलने में आसान भी हो।
👉🏻👉🏻बड़ी खिड़कियां बनाएं। इससे आप निर्भय हो पाएंगे।
👉🏻👉🏻पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है। यह भी ध्यान रखें कि मकान में खिड़कियाँ द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे। खिड़कियाँ कभी भी सन्धि भाग में न लगवाएँ।
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👉🏻👉🏻क्या करें यदि खिड़कियाँ/दरवाजे सम न हो तो क्या करें?
खिड़की या दरवाजों की संख्या सम नहीं होने पर उनका उपयोग करना बंद कर दें या परदे लगा सकते हैं। घर के दरवाजे और खिड़कियां अंदर की तरफ ही खुलने वाले हो तो अच्छा माना जाता है।
👉🏻👉🏻यदि आपके घर की मुख्य खिड़की या दरवाजे के सामने सेटेलाइट अथवा डिश का एन्टिना लगा हो तो, इस घर में बच्चों की पढ़ाई में अक्सर बाधायें आती रहती है। बच्चों का स्वास्थ्य भी उत्तम नहीं रहता है। घर की महिलायें चिड़चिड़े स्वभाव की हो जाती है।
यह करें उपाय- मुख्य दरवाजे पर जाली या परदे लगायें। खिड़की के बाहरी हिस्से पर गमलों में पौधे लगाना भी लाभकारी रहता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस होने पर रोज सुबह घर या दुकान के मेन गेट के दोनों तरफ कुमकुम और हल्दी की बिंदी लगानी चाहिए। हो सके तो रोज या सप्ताह में एक दिन मेन गेट पर अशोक के पत्तों से बनी बंदनवार बांधे।
👉🏻👉🏻यदि घर की खिड़की से पड़ोसी के घर का बगीचा, धोबीघाट, वाशिंग मशीन में कपड़े सूखते हुए दिखाई दें तो शुभ नही होता हैं। यदि यह दूरी खिड़की से 30 मी0 से 100मी0 के भीतर हो तथा स्त्रियों के अन्तःवस्त्र सूखते हुए दिखाई दें, तो यह स्थिति अशुभ मानी जाती है। ऐसे घर में गृहस्वामी की आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर बनी रहती है तथा परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम न के बराबर ही रहता है।
यह करें उपाय- खिड़की के दोनों ओर पर्दे लगाने से शुभ फल मिलने लगता है।
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हमारे घरों में खिड़कियां धूप-हवा और रोशनी का स्रोत है। हर घर में खिड़कियों का इसलिए महत्वपूर्ण स्थान होता है। धूप और प्राकृतिक रोशनी हमें कई तरह की शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्त करती है। वास्तु के अनुसार यदि घर में खिड़कियों को लगाया जाए तो समृद्धि और स्वास्थ्य दोनों में लाभ होगा।
👉🏻👉🏻घर में खिड़कियों की संख्या सम हो जैसे 2-4-6-8-10। विषम संख्या शुभ नहीं मानी जाती है।
👉🏻👉🏻घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ खिड़कियां होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण रहे। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
👉🏻👉🏻 खिड़कियां घर के पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी दीवार पर होना शुभ माना जाता है।
👉🏻👉🏻पूर्व दिशा सूर्य की मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में ज्यादा-से-ज्यादा खिड़कियां शुभ मानी जाती है। इससे घर में सूर्य का प्रकाश और धूप दोनों पर्याप्त मात्रा में आता है। इससे इस तरह के घर में रहने वाले निवासियों को अच्छे स्वास्थ्य और मानसम्मान की प्राप्ति होती है।
👉🏻👉🏻 उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर की है, अत: इस दिशा में खिड़कियां घर के निवासियों पर कुबेर की कृपादृष्टि के लिए अच्छी मानी जाती है। इससे घर-परिवार में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।
👉🏻👉🏻 यदि उत्तर दिशा की दीवार से किसी और का घर लगा हुआ है तो आप अपने घर और पड़ोसी के घर के बीच जगह खाली रखें और फिर खिड़की बनाएं। इससे आपके कमरे का आकार छोटा हो सकता है। लेकिन इस उपाय से भवन के स्वामी के आर्थिक संकट दूर ही रहते हैं। (उत्तर दिशा में वैसे भी खाली स्थान अवश्य ही छोड़ना चाहिए।)
👉🏻👉🏻खिड़की को लगाते समय भी दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है। उत्तरी दीवार पर यदि खिड़की लगा रहे हैं तो उसका झुकाव उत्तर-पूर्व की ओर अधिक होना चाहिए।
👉🏻👉🏻दक्षिण दिशा यम की दिशा है अत: इस दिशा में खिड़कियां छोटी और कम-से-कम ही बनानी चाहिए जिससे भवन में हवा का क्रॉस वेंटिलेशन तो हो सके, लेकिन दोपहर बाद की सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें घर में प्रवेश न कर सकें। यदि यहां पर खिड़कियां बनाना आवश्यक हो तो उन्हें कम ही खोलें।
👉🏻👉🏻घर की सभी खिड़कियों का आकार-प्रकार और साइज एक जैसा होना चाहिए। आयताकार आकर सबसे उत्तम माना गया है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार फेंसी आकार के अनियमित आकार के खिड़की दरवाजे लगाने से बचना चाहिए।
👉🏻👉🏻 खिड़कियां अंदर की तरफ खुलें। यदि भवन में खिड़कियों में अंदर और बाहर दोनों तरफ पल्ले होते हैं तो वहां पर अंदर की तरफ पल्लो वाली खिड़कियों को ही खोलना चाहिए।
👉🏻👉🏻दरवाजे और खिड़कियां एक दूसरे के विपरीत दिशा में लगाना चाहिए ताकि पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी का चक्र पूरा होता रहे। आधुनिक भाषा में इसे क्रॉस वेंटिलेशन कहा जाता है।
👉🏻👉🏻 खिड़कियों को साफ और स्वच्छ रखें। खिड़कियां खुलने में आसान भी हो।
👉🏻👉🏻बड़ी खिड़कियां बनाएं। इससे आप निर्भय हो पाएंगे।
👉🏻👉🏻पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी दीवारों पर खिड़कियों का निर्माण शुभ माना गया है। यह भी ध्यान रखें कि मकान में खिड़कियाँ द्वार के सामने अधिकाधिक होनी चाहिए, ताकि चुम्बकीय चक्र पूर्ण होता रहे। खिड़कियाँ कभी भी सन्धि भाग में न लगवाएँ।
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👉🏻👉🏻क्या करें यदि खिड़कियाँ/दरवाजे सम न हो तो क्या करें?
खिड़की या दरवाजों की संख्या सम नहीं होने पर उनका उपयोग करना बंद कर दें या परदे लगा सकते हैं। घर के दरवाजे और खिड़कियां अंदर की तरफ ही खुलने वाले हो तो अच्छा माना जाता है।
👉🏻👉🏻यदि आपके घर की मुख्य खिड़की या दरवाजे के सामने सेटेलाइट अथवा डिश का एन्टिना लगा हो तो, इस घर में बच्चों की पढ़ाई में अक्सर बाधायें आती रहती है। बच्चों का स्वास्थ्य भी उत्तम नहीं रहता है। घर की महिलायें चिड़चिड़े स्वभाव की हो जाती है।
यह करें उपाय- मुख्य दरवाजे पर जाली या परदे लगायें। खिड़की के बाहरी हिस्से पर गमलों में पौधे लगाना भी लाभकारी रहता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार इस होने पर रोज सुबह घर या दुकान के मेन गेट के दोनों तरफ कुमकुम और हल्दी की बिंदी लगानी चाहिए। हो सके तो रोज या सप्ताह में एक दिन मेन गेट पर अशोक के पत्तों से बनी बंदनवार बांधे।
👉🏻👉🏻यदि घर की खिड़की से पड़ोसी के घर का बगीचा, धोबीघाट, वाशिंग मशीन में कपड़े सूखते हुए दिखाई दें तो शुभ नही होता हैं। यदि यह दूरी खिड़की से 30 मी0 से 100मी0 के भीतर हो तथा स्त्रियों के अन्तःवस्त्र सूखते हुए दिखाई दें, तो यह स्थिति अशुभ मानी जाती है। ऐसे घर में गृहस्वामी की आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर बनी रहती है तथा परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम न के बराबर ही रहता है।
यह करें उपाय- खिड़की के दोनों ओर पर्दे लगाने से शुभ फल मिलने लगता है।
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