7 दिसम्बर 2018 को विधानसभा के चुनावों का परिणाम.expertpanditji.com के .पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार क्या होगा आईये जाने
प्रिय मित्रों/पाठकों, आकाश में विचरण करने वाले ग्रह, नक्षत्र और सितारे हमेशा से मानव जीवन को प्रभावित करते आये हैं। हिन्दू ज्योतिष में कर्म की प्रधानता के साथ-साथ ग्रह गोचर और नक्षत्रों के प्रभाव को भी मनुष्य की भाग्य उन्नति के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार तीन राज्यो में कांग्रेस और एक राज्य तेलंगाना में सत्तारूढ पार्टी टीआरएस सत्ता में लौट रही है जो बाद में बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव लडेगी- और कौन बनेगा मुख्यमंत्री इन राज्यो में-
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राजस्थान में 7 दिसंबर 2018 को विधान सभा का चुनाव होने जा रहा है। इसी दिन अस्त गुरु उदित हो रहे हैं। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार जब जन्म नक्षत्र पर गुरु का गोचर होता है तो यह समय व्यक्ति के जीवन में काफी उथल-पुथल लाता है।
पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि बीजेपी का जन्म 6 अप्रैल 1980 में हुआ है। इसके तहत बीजेपी की कुंडली बनायी जाए तो मिथुन लग्र वृश्चिम राशि की कुंडली है। बीजेपी की कुंडली में अक्टूबर 2012 से सूर्य की महादशा आरंभ हुई है। सूर्य की महादशा में बीजेपी को लाभ होना शुरू हुआ। इसके बाद ही बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का प्रत्याशी बनाया गया। उस समय पीएम मोदी की कुंडली में अच्छा समय था। जिसकी वजह से बीजेपी और पीएम मोदी की कुंडली दोनों के ग्रह योग के चलने के साथ ही पहली बार केंद्र में बहुमत की सरकार बनी। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि सूर्य की महादशा छहः साल के लिए होती है। जिसके चलते बीजेपी ने कई राज्यों में चुनाव जीता।
इस समय राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुंडली में जन्म नक्षत्र अनुराधा पर अतिचारी गुरु का गोचर हो हो रहा है जो शुभ दशा नहीं है।
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8 मार्च 1953 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर पर मुंबई में जन्मी वसुंधरा राजे की कुंडली कर्क लग्न और वृश्चिक राशि की है। वसुंधरा राजे की कुंडली में नवमेश गुरु और दशमेश मंगल के स्थान परिवर्तन राजयोग ने उनको दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनवाया और जबरदस्त लोकप्रियता दी। कुंडली के कर्म स्थान (दशम भाव) में बैठे गुरु और और शुक्र के योग के कारण वसुंधरा राजे ने शिक्षा और महिला एवं बल कल्याण के क्षेत्र में राजस्थान में बेहद अच्छा काम किया। किन्तु साल 2015 में शनि की साढ़ेसाती के कारण ललित मोदी कांड में नाम आने पर वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में गिरावट आने लगी। वर्तमान में चल रही राहु में गुरु की दशा छिद्र और जन्म-नक्षत् पर गोचर के गुरु के कारण उनको राजस्थान विधानसभा चुनावों में प्रतिकूल परिणाम मिलने के ज्योतिषीय संकेत दिख रहे हैं।
फ़िलहाल राजस्थान कांग्रेस ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं कि उनकी ओर से मुख्यमंत्री प्रत्याशी कौन होगा लेकिन पहले 2 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुंडली को देखने से ऐसा लगता है कि इनकी कुंडली में इन दिनों ग्रहों के अच्छे योग बने हुए हैं। लग्न से छठे भाव में गुरु का गोचर और सप्तम में चल रहा शनि का गोचर उनको अच्छी सफलता दिला सकते हैं।
योगकारक मंगल की महादशा में इस समय सूर्य की अंतर्दशा चल रही चल रही है, जो कि लाभ भाव में होकर उनको ‘राज्य -लाभ’ का का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं।
राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की कुंडली में बन रहा ‘शूल योग’ जहां उनको एक तेज़तर्रार वक्त बनता है तो वहीं दूसरी ओर यह योग उनको उनकी ही पार्टी के भीतर गुटबाजी से परेशान होने का संकेत भी दे रहा है।
राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत सकती है लेकिन सूर्य उनकी कुंडली में नवांश में नीच राशि में हैं इसलिए अभी इनके लिए मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना कठिन है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फिर एक बार सत्ता की चाबी मिल सकती है। इनकी कुंडली में इन दिनों ग्रहों के अच्छे योग बने हुए हैं।
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धनु राशि में गोचर कर रहे शनि देव, मध्यप्रदेश की कुंडली में ‘ढैय्या’ और छत्तीसगढ़ की कुंडली में ‘साढ़ेसती’ का प्रभाव लेकर चल रहे हैं तो ऐसे में इस बात की आशंका दिख रही है कि इन राज्यों में शनि महाराज सत्ता परिवर्तन करवा सकते हैं
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इन 230 सीटों में 35 सीट अनुसूचित जाति और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुल पांच करोड़ तीन लाख 34 हजार दो सौ साठ मतदाता हैं जो अलग अलग दलों के उम्मीदवारों की किस्मक का फैसला करेंगे।
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प्रिय मित्रों/पाठकों, आकाश में विचरण करने वाले ग्रह, नक्षत्र और सितारे हमेशा से मानव जीवन को प्रभावित करते आये हैं। हिन्दू ज्योतिष में कर्म की प्रधानता के साथ-साथ ग्रह गोचर और नक्षत्रों के प्रभाव को भी मनुष्य की भाग्य उन्नति के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार तीन राज्यो में कांग्रेस और एक राज्य तेलंगाना में सत्तारूढ पार्टी टीआरएस सत्ता में लौट रही है जो बाद में बीजेपी के साथ लोकसभा चुनाव लडेगी- और कौन बनेगा मुख्यमंत्री इन राज्यो में-
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राजस्थान में 7 दिसंबर 2018 को विधान सभा का चुनाव होने जा रहा है। इसी दिन अस्त गुरु उदित हो रहे हैं। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार जब जन्म नक्षत्र पर गुरु का गोचर होता है तो यह समय व्यक्ति के जीवन में काफी उथल-पुथल लाता है।
पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि बीजेपी का जन्म 6 अप्रैल 1980 में हुआ है। इसके तहत बीजेपी की कुंडली बनायी जाए तो मिथुन लग्र वृश्चिम राशि की कुंडली है। बीजेपी की कुंडली में अक्टूबर 2012 से सूर्य की महादशा आरंभ हुई है। सूर्य की महादशा में बीजेपी को लाभ होना शुरू हुआ। इसके बाद ही बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का प्रत्याशी बनाया गया। उस समय पीएम मोदी की कुंडली में अच्छा समय था। जिसकी वजह से बीजेपी और पीएम मोदी की कुंडली दोनों के ग्रह योग के चलने के साथ ही पहली बार केंद्र में बहुमत की सरकार बनी। पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि सूर्य की महादशा छहः साल के लिए होती है। जिसके चलते बीजेपी ने कई राज्यों में चुनाव जीता।
इस समय राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कुंडली में जन्म नक्षत्र अनुराधा पर अतिचारी गुरु का गोचर हो हो रहा है जो शुभ दशा नहीं है।
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8 मार्च 1953 को शाम 4 बजकर 45 मिनट पर पर मुंबई में जन्मी वसुंधरा राजे की कुंडली कर्क लग्न और वृश्चिक राशि की है। वसुंधरा राजे की कुंडली में नवमेश गुरु और दशमेश मंगल के स्थान परिवर्तन राजयोग ने उनको दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनवाया और जबरदस्त लोकप्रियता दी। कुंडली के कर्म स्थान (दशम भाव) में बैठे गुरु और और शुक्र के योग के कारण वसुंधरा राजे ने शिक्षा और महिला एवं बल कल्याण के क्षेत्र में राजस्थान में बेहद अच्छा काम किया। किन्तु साल 2015 में शनि की साढ़ेसाती के कारण ललित मोदी कांड में नाम आने पर वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में गिरावट आने लगी। वर्तमान में चल रही राहु में गुरु की दशा छिद्र और जन्म-नक्षत् पर गोचर के गुरु के कारण उनको राजस्थान विधानसभा चुनावों में प्रतिकूल परिणाम मिलने के ज्योतिषीय संकेत दिख रहे हैं।
फ़िलहाल राजस्थान कांग्रेस ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं कि उनकी ओर से मुख्यमंत्री प्रत्याशी कौन होगा लेकिन पहले 2 बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुंडली को देखने से ऐसा लगता है कि इनकी कुंडली में इन दिनों ग्रहों के अच्छे योग बने हुए हैं। लग्न से छठे भाव में गुरु का गोचर और सप्तम में चल रहा शनि का गोचर उनको अच्छी सफलता दिला सकते हैं।
योगकारक मंगल की महादशा में इस समय सूर्य की अंतर्दशा चल रही चल रही है, जो कि लाभ भाव में होकर उनको ‘राज्य -लाभ’ का का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं।
राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की कुंडली में बन रहा ‘शूल योग’ जहां उनको एक तेज़तर्रार वक्त बनता है तो वहीं दूसरी ओर यह योग उनको उनकी ही पार्टी के भीतर गुटबाजी से परेशान होने का संकेत भी दे रहा है।
राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत सकती है लेकिन सूर्य उनकी कुंडली में नवांश में नीच राशि में हैं इसलिए अभी इनके लिए मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना कठिन है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फिर एक बार सत्ता की चाबी मिल सकती है। इनकी कुंडली में इन दिनों ग्रहों के अच्छे योग बने हुए हैं।
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धनु राशि में गोचर कर रहे शनि देव, मध्यप्रदेश की कुंडली में ‘ढैय्या’ और छत्तीसगढ़ की कुंडली में ‘साढ़ेसती’ का प्रभाव लेकर चल रहे हैं तो ऐसे में इस बात की आशंका दिख रही है कि इन राज्यों में शनि महाराज सत्ता परिवर्तन करवा सकते हैं
मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इन 230 सीटों में 35 सीट अनुसूचित जाति और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक कुल पांच करोड़ तीन लाख 34 हजार दो सौ साठ मतदाता हैं जो अलग अलग दलों के उम्मीदवारों की किस्मक का फैसला करेंगे।
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