ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ग्रहों के राजा
सूर्य के राशि परिवर्तन से जहां कुछ राशियों के जातकों को लाभ होगा तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। सूर्यदेव नवग्रहों के राजा हैं और यह हर माह राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करने को ही गोचर कहते हैं।
अब सूर्य ग्रह मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वृषभ शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। शुक्र अभी मेष राशि में सूर्य के साथ था।
सूर्य के इस गोचर परिवर्तन के कारण गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा। मंगल-राहु की युति मिथुन राशि में है और शनि-मंगल की एक दूसरे पर दृष्टि होने से भूकंपन के योग बन रहे हैं।
सोने-चांदी के रुख में तेजी आएगी और पानी की कमी से जनता त्रस्त हो सकती है।
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नवतपा का प्रभाव अधिक होगा--
ध्यान रखें, सूर्य की वृषभ संक्राति में ही 25 मई 2019 से 8 जून 2019 तक नवतपा भी रहेगा।इस दिन सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगेगा। रोहिणी नक्षत्र 25 मई को शुरू होगा और इस बार 8 जून 2019 तक लगभग 14 दिन का नो तपा रहेगा। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि रोहिणी नक्षत्र जब लगता है तो सूरज के तेवर प्रचंड रहते हैं। इस बार रोहिणी नक्षत्र लगने से पहले ही गर्मी ने लोगों को तपाकर रख दिया हैं। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करते ही धरती और सूर्य के बीच की दूरी काफी कम हो जाती है जिससे धरती पर तपन बढ़ती है। इसलिए नौतपा के दिन काफी गर्म और झुलसा देने वाले होते हैं।
विगत 14 अप्रैल 2019 को सूर्य की उच्च राशि मेष में प्रवेश के साथ ही दिनों-दिन गर्मी बढ़ रही है। गर्मी का असर 8 जून 2019 तक अधिक रहेगा।कई वर्षों के पश्चात् समसप्तक योगकाल में नौतपा पड़ेगा। इस वर्ष रोहिणी का निवास तट पर रहेगा समय का वास क्लीनर के घर होने से श्रेष्ठ वर्षा का योग रहेगा। रोहिणी का वाहन बेल होने से फसल अच्छी होगी।
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मानसून का गर्भकाल नौ तपा -- सूर्यजबचंद्र के नक्षत्र रोहिणी में जाता है तो सूर्य की तपन कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। रोहिणी तपे रोहिणी नक्षत्र के कम से कम 9 दिन के अंतराल में बारिश ना हो तो वर्षा उस वर्ष अधिक होती है। सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में जाता है और नौ तपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है।
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उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए सूर्य शुभ रहेगा। मिथुन, सिंह, धनु राशि के लोगों पर सूर्य का अशुभ असर हो रहा है।
सूर्य ब्रह्मांड के एक जीवंत ग्रह के तौर पर जाने जाते हैं और उनका राशि परिवर्तन एक अहम ज्योतिषीय घटना मानी जाती है। सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहा जाता है।
15 मई 2019 को 11.18 बजे वृषभ राशि में होने वाले सूर्य के इस गोचर को वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
सूर्य पूरी दुनिया को अपने प्रकाश के जगमगाने वाले ग्रह हैं। विज्ञान भले सूर्य को एक स्थिर ग्रह मानता हो लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को हमेशा सीधी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है। राशि चक्र की पांचवी राशि सिंह के स्वामी सूर्य ऊर्जा के कारक माने जाते हैं। इन्हें आत्मा का कारक भी माना जाता है। इसलिये सूर्य का अच्छा होना जातक के आत्मबल में भी वृद्धि करता है। पिता का कारक भी सूर्य को ज्योतिष में माना जाता है। कुंडली में बहुत सारे महत्वपूर्ण योग भी सूर्य अन्य ग्रहों के साथ युति करके बनाते हैं। राहू की संगति इन्हें ग्रहण भी लगाती है। नवग्रहों में बात करें तो चंद्रमा, मंगल व गुरु इनके मित्र ग्रह हैं जबकि राहू, केतु, शुक्र व शनि के साथ इनकी खास नहीं बनती। बुध के साथ ये समभाव रखते हैं।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि सूर्य ग्रह राशि चक्र की एक राशि में लगभग एक महीने तक रहते हैं। इसी कारण हिंदू पंचांग मास का निर्धारण भी सूर्य की चाल पर होता है। तिथि का आरंभ भी सूर्योदय से ही मानते हैं। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में सूर्य जब प्रवेश करते हैं तो यह समय स्नान-दान पुण्य आदि के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति को बड़े स्तर पर पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसे उत्तरायण भी कहते हैं। यहीं से शुभ समय की शुरुआत भी मानी जाती है। मिथुन राशि के पश्चात दक्षिणायन में हो जाते हैं। तुला राशि में ये नीच के होते हैं तो मेष राशि में उच्च के। इस तरह सूर्य एक बहुत ही प्रभाव शाली ग्रह हैं। जो भी ग्रह सूर्य के समीप आते हैं उन्हें अस्त माना जाता है यानि उनका अपना कोई प्रभाव नहीं रह जाता है। उनके प्रभाव से युक्त सूर्य जातकों के जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। बुध के साथ आने पर बुधादित्य योग बनता है जिसे बहुत ही सौभाग्यशाली माना जाता है। जातक के स्वास्थ्य पर सूर्य का बहुत असर होता है। वैसे तो सूर्य की गिनती पाप ग्रहों में होती है। लेकिन क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़ने या उनके साथ आने से ही सूर्य नेगेटिव प्रभाव छोड़ते हैं। अन्यथा जातक के जीवन पर सूर्य काफी अच्छा प्रभाव डालते हैं।
सूर्य का मेष राशि में प्रवेश सभी राशियों और जातकों के लिए शुभ घटना है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार सूर्य यदि जन्मकुंडली में उच्च राशि में हों तो व्यक्ति प्रभुता और प्रतिभा संपन्न होते हुए धनवान और यशस्वी होता है। समाज में मान प्रतिष्ठा से ओत-प्रोत ऐसा जातक जीवन के सभी ऐश्वर्य को भोगता है।
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जानिए सूर्य के इस राशि परिवर्तन का क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव--
मेष राशि---
सूर्य का परिवर्तन धन भाव में होना आपके लिए शुभ साबित होगा। हालांकि आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जा रही है। आपके लिए धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। कॅरियर के क्षेत्र में उन्नति के योग बन सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल होंगे। व्यक्तिगत जीवन सुखद रहेगा। स्वास्थ्य भी सामान्य बने रहने के आसार हैं। हालांकि जीवनसाथी के स्वास्थ्य का खयाल रखना होगा।
वृषभ राशि---
सूर्य का प्रवेश आपकी ही राशि में हो रहा है, ऐसे में आपकर इसका प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा। इस दौरान अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखेंगे तो लाभ होगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। बीमारयों की संभावना होने के कारण आपको स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है। कार्यालय जॉब के अलावा कृषि एवं मार्केटिंग वालों के लिये भी समय अच्छा है।
मिथुन राशि---
12वें भाव में सूर्य का आना आपके लिए धन हानि का संकेत कर रहा है। पैसे सोच-समझकर खर्च करें। विदेश यात्रा भी हो सकती है। हालांकि किसी कानूनी मामले में फैसला आपके हक में आ सकता है। भाई-बहनों को भी कॅरियर में सही दिशा और गति मिल सकेगी। विवाहितों को जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खास तौर पर ध्यान देने की जरुरत है।
कर्क राशि---
सूर्य का गोचर लाभ स्थान में होना बेहतर परिणाम वाला हो सकता है। आपको कई सुनहरे अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ होने से मन प्रसन्न रहेगा। आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। इस अवधि में नए व्यवसाय और नई नौकरी शुरू करने के अवसर मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा। पैतृक संपत्ति से भी लाभ के योग बनेंगे। संबंध बेहतर होंगे और पार्टनर का साथ मिल सकता है। कुल मिलकर यह समय आपके लिए काफी अच्छा रहेगा।
सिंह राशि---
सूर्य का आपकी राशि के कर्म क्षेत्र में आना उन्नति का संकेत दे रहा है। इस समय आपमें भरपूर आत्मविश्वास रहेगा। इस अवधि में आपको अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है। वरिष्ठ अधिकारी भी आपके कार्यों की प्रशंसा करेंगे। नौकरी बदलने के इच्छुक लोगों को बेहतर अवसर मिल सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति हो सकती है। व्यवसाय के विस्तार के लिए भी समय उपयुक्त है। जीवनसाथी का भी पूरा सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य सामान्य बना रहेगा। हालांकि माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
कन्या राशि---
भाग्य स्थान में सूर्य के परिवर्तन से भाग्योन्नति का संकेत मिल रहा है। छोटी-मोटी शारीरिक अस्वस्थता से निजात मिल सकती है। पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के आसार हैं। आप घर-परिवार की प्रतिष्ठा के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहेंगे। इस अवधि में किसी तरह के अनैतिक कार्यों से बचें, अन्यथा मानहानि हो सकती है।
तुला राशि---
सूर्य का राशि परिवर्तन तुला राशि वालों के लिए शुभ संकेत नहीं है। अचानक धन हानि हो सकती है। हालांकि कोई अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकता है। जीवनसाथी के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। बड़े भाई-बहन के साथ मनमुटाव हो सकता है। आठवें भाव में सूर्य का आने से कार्यों में असफलता मिलेगी या विलंब से सफलता हासिल होगी। सूर्य की दशा में नए कार्यों की शुरूअात न करना हितकर रहेगा।
वृश्चिक राशि---
सातवें भाव में सूर्य का परिवर्तन आपको प्रेमजीवन के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने का संकेत कर रहा है। पिता या जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद उत्पन्न होंगे। साथी की भावनाओं की कद्र करें और उन पर विश्वास करें। हालांकि कार्य और व्यापार में बेहतर परिणाम हासिल हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति हो सकती है। समाज में भी मान-सम्मान बढ़ेगा।
धनु राशि--
छठे स्थान में सूर्य का परिवर्तन मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इस वक्त आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। परिश्रम के बावजूद सफलता में विलंब होगा। जिससे आप में निराशा का भाव भी उत्पन्न हो सकता है। लेन-देन के मामलों में सतर्कता बरतें। अनावश्यक धन खर्च हो सकता है। अदालती मामलों में माहौल आपके पक्ष में हो सकता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत करने की जरुरत है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।
मकर राशि---
पांचवें भाव में सूर्य का परिवर्तन आपके लिये मिले-जुले परिणाम वाला होगा। गर्भवती महिलाओं के मामले में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र में विलंब से सफलता मिलेगी। जीवनसाथी से बेवजह की बहस हो सकती है। विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में परेशानी हो सकती है। किसी कार्य में पूरी निष्ठा के साथ लगे रहने पर ही आपको सफलता हासिल हो सकेगी।
कुंभ राशि---
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर सुख भाव में हो रहा है, जो गृहस्थ जीवन के लिए बेहतर हो सकता है। सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। हालांकि माता के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ सकती है। आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी और नए अवसर उत्पन्न होंगे। सरकारी क्षेत्र में कार्य करने वालों के भी नए अवसर मिलेंगे। साझेदारी के व्यवसाय में फायदा होगा।
मीन राशि---
सूर्य के परिवर्तन से आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। बड़े भाई-बहनों के साथ मनमुटाव हो सकता है। विचारों में भी उग्रता रहेगी। प्रोफेशनल लाइफ सामान्य बनी रहेगी।आर्थिक मामलों में भी कुछ सफलता मिलेगी। दोस्तों से भी सहचोग मिलेगा, लेकिन नौकरों से सावधान रहें। गोचर के प्रभाव से आपके पिता को लाभ होगा। इस अवधि में आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है।
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जानिए इस समयावधि में कौनसा उपाय रहेगा लाभदायक--
इस अवधि में सूर्य के लिए रोज करना चाहिए निम्न उपाय--
सूर्य के अशुभ असर को दूर करने के लिए और शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए।
स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए।
सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
समय-समय पर गुड़ का दान किसी मंदिर में या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करें।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री एवम उनके साथी वेदाचार्यों द्वारा पाठकों/दर्शकों हेतु शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित 5 मुखी रूद्राक्ष का (111 का-संख्या) निःशुल्क वितरण किया जाएगा। निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें निःशुल्क प्राप्त करने हेतु पंडित दयानन्द शास्त्री के निम्न पते पर पर्याप्त डाक टिकट लगा और स्वयं का पता लिखा लिफाफा भिजवाने की व्यवस्था करें। जो लोग कोरियर या स्पीड पोस्ट से मंगवाना चाहते वे पेकिंग चार्ज एवम कोरियर/स्पीड पोस्ट से इन शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित रुद्राक्ष प्राप्ति हेतु 150/-Paytm (नम्बर 9039390067 – वाट्सएप पर) करके सूचित करें। - vastushastri08@gmail.com, FOR ASTROLOGY www.expertpanditji.com , FOR JOB www.uniqueinstitutes.org
सूर्य के राशि परिवर्तन से जहां कुछ राशियों के जातकों को लाभ होगा तो कुछ को नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। सूर्यदेव नवग्रहों के राजा हैं और यह हर माह राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में प्रवेश करने को ही गोचर कहते हैं।
अब सूर्य ग्रह मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वृषभ शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। शुक्र अभी मेष राशि में सूर्य के साथ था।
सूर्य के इस गोचर परिवर्तन के कारण गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा। मंगल-राहु की युति मिथुन राशि में है और शनि-मंगल की एक दूसरे पर दृष्टि होने से भूकंपन के योग बन रहे हैं।
सोने-चांदी के रुख में तेजी आएगी और पानी की कमी से जनता त्रस्त हो सकती है।
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नवतपा का प्रभाव अधिक होगा--
ध्यान रखें, सूर्य की वृषभ संक्राति में ही 25 मई 2019 से 8 जून 2019 तक नवतपा भी रहेगा।इस दिन सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगेगा। रोहिणी नक्षत्र 25 मई को शुरू होगा और इस बार 8 जून 2019 तक लगभग 14 दिन का नो तपा रहेगा। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि रोहिणी नक्षत्र जब लगता है तो सूरज के तेवर प्रचंड रहते हैं। इस बार रोहिणी नक्षत्र लगने से पहले ही गर्मी ने लोगों को तपाकर रख दिया हैं। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करते ही धरती और सूर्य के बीच की दूरी काफी कम हो जाती है जिससे धरती पर तपन बढ़ती है। इसलिए नौतपा के दिन काफी गर्म और झुलसा देने वाले होते हैं।
विगत 14 अप्रैल 2019 को सूर्य की उच्च राशि मेष में प्रवेश के साथ ही दिनों-दिन गर्मी बढ़ रही है। गर्मी का असर 8 जून 2019 तक अधिक रहेगा।कई वर्षों के पश्चात् समसप्तक योगकाल में नौतपा पड़ेगा। इस वर्ष रोहिणी का निवास तट पर रहेगा समय का वास क्लीनर के घर होने से श्रेष्ठ वर्षा का योग रहेगा। रोहिणी का वाहन बेल होने से फसल अच्छी होगी।
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मानसून का गर्भकाल नौ तपा -- सूर्यजबचंद्र के नक्षत्र रोहिणी में जाता है तो सूर्य की तपन कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। रोहिणी तपे रोहिणी नक्षत्र के कम से कम 9 दिन के अंतराल में बारिश ना हो तो वर्षा उस वर्ष अधिक होती है। सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में जाता है और नौ तपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है।
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उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया की मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए सूर्य शुभ रहेगा। मिथुन, सिंह, धनु राशि के लोगों पर सूर्य का अशुभ असर हो रहा है।
सूर्य ब्रह्मांड के एक जीवंत ग्रह के तौर पर जाने जाते हैं और उनका राशि परिवर्तन एक अहम ज्योतिषीय घटना मानी जाती है। सूर्य का राशि परिवर्तन संक्रांति कहा जाता है।
15 मई 2019 को 11.18 बजे वृषभ राशि में होने वाले सूर्य के इस गोचर को वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
सूर्य पूरी दुनिया को अपने प्रकाश के जगमगाने वाले ग्रह हैं। विज्ञान भले सूर्य को एक स्थिर ग्रह मानता हो लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को हमेशा सीधी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है। राशि चक्र की पांचवी राशि सिंह के स्वामी सूर्य ऊर्जा के कारक माने जाते हैं। इन्हें आत्मा का कारक भी माना जाता है। इसलिये सूर्य का अच्छा होना जातक के आत्मबल में भी वृद्धि करता है। पिता का कारक भी सूर्य को ज्योतिष में माना जाता है। कुंडली में बहुत सारे महत्वपूर्ण योग भी सूर्य अन्य ग्रहों के साथ युति करके बनाते हैं। राहू की संगति इन्हें ग्रहण भी लगाती है। नवग्रहों में बात करें तो चंद्रमा, मंगल व गुरु इनके मित्र ग्रह हैं जबकि राहू, केतु, शुक्र व शनि के साथ इनकी खास नहीं बनती। बुध के साथ ये समभाव रखते हैं।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि सूर्य ग्रह राशि चक्र की एक राशि में लगभग एक महीने तक रहते हैं। इसी कारण हिंदू पंचांग मास का निर्धारण भी सूर्य की चाल पर होता है। तिथि का आरंभ भी सूर्योदय से ही मानते हैं। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में सूर्य जब प्रवेश करते हैं तो यह समय स्नान-दान पुण्य आदि के लिये बहुत ही शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति को बड़े स्तर पर पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसे उत्तरायण भी कहते हैं। यहीं से शुभ समय की शुरुआत भी मानी जाती है। मिथुन राशि के पश्चात दक्षिणायन में हो जाते हैं। तुला राशि में ये नीच के होते हैं तो मेष राशि में उच्च के। इस तरह सूर्य एक बहुत ही प्रभाव शाली ग्रह हैं। जो भी ग्रह सूर्य के समीप आते हैं उन्हें अस्त माना जाता है यानि उनका अपना कोई प्रभाव नहीं रह जाता है। उनके प्रभाव से युक्त सूर्य जातकों के जीवन को बहुत प्रभावित करते हैं। बुध के साथ आने पर बुधादित्य योग बनता है जिसे बहुत ही सौभाग्यशाली माना जाता है। जातक के स्वास्थ्य पर सूर्य का बहुत असर होता है। वैसे तो सूर्य की गिनती पाप ग्रहों में होती है। लेकिन क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़ने या उनके साथ आने से ही सूर्य नेगेटिव प्रभाव छोड़ते हैं। अन्यथा जातक के जीवन पर सूर्य काफी अच्छा प्रभाव डालते हैं।
सूर्य का मेष राशि में प्रवेश सभी राशियों और जातकों के लिए शुभ घटना है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार सूर्य यदि जन्मकुंडली में उच्च राशि में हों तो व्यक्ति प्रभुता और प्रतिभा संपन्न होते हुए धनवान और यशस्वी होता है। समाज में मान प्रतिष्ठा से ओत-प्रोत ऐसा जातक जीवन के सभी ऐश्वर्य को भोगता है।
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जानिए सूर्य के इस राशि परिवर्तन का क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव--
मेष राशि---
सूर्य का परिवर्तन धन भाव में होना आपके लिए शुभ साबित होगा। हालांकि आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जा रही है। आपके लिए धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। कॅरियर के क्षेत्र में उन्नति के योग बन सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम हासिल होंगे। व्यक्तिगत जीवन सुखद रहेगा। स्वास्थ्य भी सामान्य बने रहने के आसार हैं। हालांकि जीवनसाथी के स्वास्थ्य का खयाल रखना होगा।
वृषभ राशि---
सूर्य का प्रवेश आपकी ही राशि में हो रहा है, ऐसे में आपकर इसका प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा। इस दौरान अपने क्रोध पर नियंत्रण बनाए रखेंगे तो लाभ होगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। बीमारयों की संभावना होने के कारण आपको स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है। कार्यालय जॉब के अलावा कृषि एवं मार्केटिंग वालों के लिये भी समय अच्छा है।
मिथुन राशि---
12वें भाव में सूर्य का आना आपके लिए धन हानि का संकेत कर रहा है। पैसे सोच-समझकर खर्च करें। विदेश यात्रा भी हो सकती है। हालांकि किसी कानूनी मामले में फैसला आपके हक में आ सकता है। भाई-बहनों को भी कॅरियर में सही दिशा और गति मिल सकेगी। विवाहितों को जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खास तौर पर ध्यान देने की जरुरत है।
कर्क राशि---
सूर्य का गोचर लाभ स्थान में होना बेहतर परिणाम वाला हो सकता है। आपको कई सुनहरे अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ होने से मन प्रसन्न रहेगा। आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। इस अवधि में नए व्यवसाय और नई नौकरी शुरू करने के अवसर मिल सकते हैं। कार्यक्षेत्र में अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा। पैतृक संपत्ति से भी लाभ के योग बनेंगे। संबंध बेहतर होंगे और पार्टनर का साथ मिल सकता है। कुल मिलकर यह समय आपके लिए काफी अच्छा रहेगा।
सिंह राशि---
सूर्य का आपकी राशि के कर्म क्षेत्र में आना उन्नति का संकेत दे रहा है। इस समय आपमें भरपूर आत्मविश्वास रहेगा। इस अवधि में आपको अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है। वरिष्ठ अधिकारी भी आपके कार्यों की प्रशंसा करेंगे। नौकरी बदलने के इच्छुक लोगों को बेहतर अवसर मिल सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति हो सकती है। व्यवसाय के विस्तार के लिए भी समय उपयुक्त है। जीवनसाथी का भी पूरा सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य सामान्य बना रहेगा। हालांकि माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
कन्या राशि---
भाग्य स्थान में सूर्य के परिवर्तन से भाग्योन्नति का संकेत मिल रहा है। छोटी-मोटी शारीरिक अस्वस्थता से निजात मिल सकती है। पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के आसार हैं। आप घर-परिवार की प्रतिष्ठा के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहेंगे। इस अवधि में किसी तरह के अनैतिक कार्यों से बचें, अन्यथा मानहानि हो सकती है।
तुला राशि---
सूर्य का राशि परिवर्तन तुला राशि वालों के लिए शुभ संकेत नहीं है। अचानक धन हानि हो सकती है। हालांकि कोई अप्रत्याशित लाभ भी मिल सकता है। जीवनसाथी के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। बड़े भाई-बहन के साथ मनमुटाव हो सकता है। आठवें भाव में सूर्य का आने से कार्यों में असफलता मिलेगी या विलंब से सफलता हासिल होगी। सूर्य की दशा में नए कार्यों की शुरूअात न करना हितकर रहेगा।
वृश्चिक राशि---
सातवें भाव में सूर्य का परिवर्तन आपको प्रेमजीवन के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने का संकेत कर रहा है। पिता या जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद उत्पन्न होंगे। साथी की भावनाओं की कद्र करें और उन पर विश्वास करें। हालांकि कार्य और व्यापार में बेहतर परिणाम हासिल हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों की पदोन्नति हो सकती है। समाज में भी मान-सम्मान बढ़ेगा।
धनु राशि--
छठे स्थान में सूर्य का परिवर्तन मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इस वक्त आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा। परिश्रम के बावजूद सफलता में विलंब होगा। जिससे आप में निराशा का भाव भी उत्पन्न हो सकता है। लेन-देन के मामलों में सतर्कता बरतें। अनावश्यक धन खर्च हो सकता है। अदालती मामलों में माहौल आपके पक्ष में हो सकता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत करने की जरुरत है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा।
मकर राशि---
पांचवें भाव में सूर्य का परिवर्तन आपके लिये मिले-जुले परिणाम वाला होगा। गर्भवती महिलाओं के मामले में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। कार्यक्षेत्र में विलंब से सफलता मिलेगी। जीवनसाथी से बेवजह की बहस हो सकती है। विद्यार्थियों को भी पढ़ाई में परेशानी हो सकती है। किसी कार्य में पूरी निष्ठा के साथ लगे रहने पर ही आपको सफलता हासिल हो सकेगी।
कुंभ राशि---
कुंभ राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर सुख भाव में हो रहा है, जो गृहस्थ जीवन के लिए बेहतर हो सकता है। सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। हालांकि माता के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ सकती है। आर्थिक मामलों में सफलता मिलेगी और नए अवसर उत्पन्न होंगे। सरकारी क्षेत्र में कार्य करने वालों के भी नए अवसर मिलेंगे। साझेदारी के व्यवसाय में फायदा होगा।
मीन राशि---
सूर्य के परिवर्तन से आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। बड़े भाई-बहनों के साथ मनमुटाव हो सकता है। विचारों में भी उग्रता रहेगी। प्रोफेशनल लाइफ सामान्य बनी रहेगी।आर्थिक मामलों में भी कुछ सफलता मिलेगी। दोस्तों से भी सहचोग मिलेगा, लेकिन नौकरों से सावधान रहें। गोचर के प्रभाव से आपके पिता को लाभ होगा। इस अवधि में आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है।
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जानिए इस समयावधि में कौनसा उपाय रहेगा लाभदायक--
इस अवधि में सूर्य के लिए रोज करना चाहिए निम्न उपाय--
सूर्य के अशुभ असर को दूर करने के लिए और शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए।
स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए।
सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
समय-समय पर गुड़ का दान किसी मंदिर में या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करें।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री एवम उनके साथी वेदाचार्यों द्वारा पाठकों/दर्शकों हेतु शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित 5 मुखी रूद्राक्ष का (111 का-संख्या) निःशुल्क वितरण किया जाएगा। निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हें निःशुल्क प्राप्त करने हेतु पंडित दयानन्द शास्त्री के निम्न पते पर पर्याप्त डाक टिकट लगा और स्वयं का पता लिखा लिफाफा भिजवाने की व्यवस्था करें। जो लोग कोरियर या स्पीड पोस्ट से मंगवाना चाहते वे पेकिंग चार्ज एवम कोरियर/स्पीड पोस्ट से इन शुद्ध, सिद्ध एवम संस्कारित रुद्राक्ष प्राप्ति हेतु 150/-Paytm (नम्बर 9039390067 – वाट्सएप पर) करके सूचित करें। - vastushastri08@gmail.com, FOR ASTROLOGY www.expertpanditji.com , FOR JOB www.uniqueinstitutes.org