अनानास ब्राज़ील का आदिवासी पौधा है | क्रिस्टोफर कोलंबस ने 1493 AD में कैरेबियन द्वीप समूह के ग्वाडेलोप नाम के द्वीप में इसे खोजा था और इसे 'पाइना दी इंडीज' नाम दिया | कोलंबस ने यूरोप में अनानास की खेती की शुरुआत की थी | भारत में अनानास की खेती की शुरुआत पुर्तगालियों ने 1548 AD में गोवा से की थी | अनानास की डालियाँ काटकर बोने से उग आती हैं |
अनानास का फल बहुत स्वादिष्ट होता है | इसके कच्चे फल का स्वाद खट्टा तथा पके फल का स्वाद मीठा होता है । इसके फल में थाइमिन,राइबोफ्लेविन,सुक्रोस,ग्लूकोस,कैफीक अम्ल,सिट्रिक अम्ल,कार्बोहाईड्रेट तथा प्रोटीन पाया जाता है | आज हम आपको अनानास के कुछ औषधीय गुणों से अवगत कराएंगे -
१- अनानास फल के रस में मुलेठी, बहेड़ा और मिश्री मिलाकर सेवन करने से दमे और खाँसी में लाभ होता है|
२- यदि शरीर में खून की कमी हो तो अनानास खाने व रस पीने से बहुत लाभ होता है | इसके सेवन से रक्तवृद्धि होती है और पाचनक्रिया तेज़ होती है |
३- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधानमक और कालीमिर्च मिलाकर खाने से अजीर्ण दूर होता है |
४- अनानास के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें बहेड़ा और छोटी हरड़ का चूर्ण मिलाकर देने से अतिसार और जलोदर में लाभ होता है |
५- अनानास के पत्तों के रस में थोड़ा शहद मिलाकर रोज़ २ मिली से १० मिली तक सेवन करने से पेट के कीड़े ख़त्म हो जाते हैं |
६- पके हुए अनानास का रस निकालकर उसे रूई में भिगो कर मसूड़ों पर लगाने से दांतों का दर्द ठीक होता है |
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