वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या कार्यस्थल में कचरे कबाड़ नकारात्मक उर्जा के सबसे बड़े स्त्रोत माने गये हैं
** वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कचरे कबाड़ होना ही नही चाहिए ,अगर है तो घर के सारे सदस्य छुट्टी के दिन बैठकर अलग अलग कर लें ।
** कुछ सामान को जरूरत मंद को दे दें क्योंकि आप यह निश्चित मानिये ये आपके कुछ भी काम का नही है ,ये ज
** वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कचरे कबाड़ होना ही नही चाहिए ,अगर है तो घर के सारे सदस्य छुट्टी के दिन बैठकर अलग अलग कर लें ।
** कुछ सामान को जरूरत मंद को दे दें क्योंकि आप यह निश्चित मानिये ये आपके कुछ भी काम का नही है ,ये ज
ीवन भर कुछ भी काम नही आने वाला ।
**कुछ सामान को कबाड़ी के पास बेच दें इससे आपको कुछ पैसे मिल जायेंगे -----देखिये आपने कबाड़ निकाला नही कि लक्ष्मी कि कृपा शुरू हो गयी ।
**जरूरत मंद को आपने जैसे ही सामान दिया नही कि वो लोग आपको दुवा देना शुरू कर देंगे ---यह भी समृद्धि कि शुरुवात है
**वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या कार्यस्थल में कचरे कबाड़ रखने के लिए नेऋत्य कोण [दक्षिण -पश्चिम] को सबसे उपयुक्त माना गया है ।
**नेऋत्य कोण वैवाहिक जीवन का कोण होता है अगर पति-पत्नी के सम्बन्धों में कोई अवरोध या कडुवाहट है तो इस कोण में स्थित कबाड़ को तुरंत घर से बाहर का रास्ता दिखाएँ ।
** नेऋत्य कोण से बच्चों का विवाह देखा जाता है अगर बच्चों के विवाह में कोई बाधा उत्पन्न हो रहा है तो इस कोण के कबाड़ हो तुरंत हटा दें ।
**पति-पत्नी के बीच अगर तलाक के केस कोर्ट में चल रहे हैं और कोई भी एक पक्ष पुन: मिलने को इच्छुक है तो इस कोण में स्थित कचरे कबाड़ की तुरंत बिदाई की तैयारी करें ।
**राजनीती के क्षेत्र में काम करने वालो के लिए ---इसी कोण से मतदाताओं के साथ सम्बन्ध देखा जाता है -----राजनेता भूलकर भी इस कोण में कबाड़ न रखें
**राजनेताओं के लिए नेऋत्य कोण अत्यंत महत्व पूर्ण है क्योंकि इसी कोण से पार्टी आलाकमान से सम्बन्ध भी देखा जाता है ,और बगैर आलाकमान से अच्छे सम्बन्ध बनाये आपको पार्टी की टिकिट ,मंत्री पद ,राज्यसभा ,राजभोग मिलने से रहा
**होली और दीपावली के समय घर से जले ,कचरे ,कबाड़ निकालकर पुरे स्थान की साफ सफाई ,रंग रोगन करने के पीछे यही सिद्धांत काम करता है
**इसलिए अगर घर में सम्पूर्ण समृद्धि चाहिए तो घर के कबाड़ की विदाई कर दें
**घर के साथ ही साथ आप अपने मन की साफ सफाई भी आसानी से कर सकते हैं इसके लिए रोज ध्यान का अभ्यास करना होगा
**ध्यान के अभ्यास मात्र से आपके अंदर की नकारात्मकता धीरे धीरे आपसे मुक्त हो जाएगी
**कुछ सामान को कबाड़ी के पास बेच दें इससे आपको कुछ पैसे मिल जायेंगे -----देखिये आपने कबाड़ निकाला नही कि लक्ष्मी कि कृपा शुरू हो गयी ।
**जरूरत मंद को आपने जैसे ही सामान दिया नही कि वो लोग आपको दुवा देना शुरू कर देंगे ---यह भी समृद्धि कि शुरुवात है
**वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या कार्यस्थल में कचरे कबाड़ रखने के लिए नेऋत्य कोण [दक्षिण -पश्चिम] को सबसे उपयुक्त माना गया है ।
**नेऋत्य कोण वैवाहिक जीवन का कोण होता है अगर पति-पत्नी के सम्बन्धों में कोई अवरोध या कडुवाहट है तो इस कोण में स्थित कबाड़ को तुरंत घर से बाहर का रास्ता दिखाएँ ।
** नेऋत्य कोण से बच्चों का विवाह देखा जाता है अगर बच्चों के विवाह में कोई बाधा उत्पन्न हो रहा है तो इस कोण के कबाड़ हो तुरंत हटा दें ।
**पति-पत्नी के बीच अगर तलाक के केस कोर्ट में चल रहे हैं और कोई भी एक पक्ष पुन: मिलने को इच्छुक है तो इस कोण में स्थित कचरे कबाड़ की तुरंत बिदाई की तैयारी करें ।
**राजनीती के क्षेत्र में काम करने वालो के लिए ---इसी कोण से मतदाताओं के साथ सम्बन्ध देखा जाता है -----राजनेता भूलकर भी इस कोण में कबाड़ न रखें
**राजनेताओं के लिए नेऋत्य कोण अत्यंत महत्व पूर्ण है क्योंकि इसी कोण से पार्टी आलाकमान से सम्बन्ध भी देखा जाता है ,और बगैर आलाकमान से अच्छे सम्बन्ध बनाये आपको पार्टी की टिकिट ,मंत्री पद ,राज्यसभा ,राजभोग मिलने से रहा
**होली और दीपावली के समय घर से जले ,कचरे ,कबाड़ निकालकर पुरे स्थान की साफ सफाई ,रंग रोगन करने के पीछे यही सिद्धांत काम करता है
**इसलिए अगर घर में सम्पूर्ण समृद्धि चाहिए तो घर के कबाड़ की विदाई कर दें
**घर के साथ ही साथ आप अपने मन की साफ सफाई भी आसानी से कर सकते हैं इसके लिए रोज ध्यान का अभ्यास करना होगा
**ध्यान के अभ्यास मात्र से आपके अंदर की नकारात्मकता धीरे धीरे आपसे मुक्त हो जाएगी
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