किचन इशान कोण[उत्तर-पूर्व] से लगकर है --निराकरण --वरांडा में अग्नि कोण [दक्षिण-पूर्व] में बनाएं
*भवन का नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] वरांडा के रूप मे खुला हुवा है ----निराकरण ---इसे बंद करें
*भवन का पूरा निर्माण वायव्य [उत्तर-पश्चिम] में है और दक्षिण में ज्यादा जगह खुला है --निराकरण ---वरांडा को बंद करके ...
*भवन का नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] वरांडा के रूप मे खुला हुवा है ----निराकरण ---इसे बंद करें
*भवन का पूरा निर्माण वायव्य [उत्तर-पश्चिम] में है और दक्षिण में ज्यादा जगह खुला है --निराकरण ---वरांडा को बंद करके ...
अग्नि कोण मे किचन और नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे मुख्य शयन कक्ष बनाना चाहिए
*दक्षिण में जहाँ से भवन शुरू हुवा है वहां पर एक और कम्पौंड वाल बनाना चाहिए --इससे दक्षिण में जो ज्यादा जगह छुटी है उसका दोष समाप्त हो जायेगा
*गार्डन की जो सामग्री इशान कोण में रखी है उसे नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] में रखनी चाहिए
** कम्पौंड वाल के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी ध्वजा लगाकर उस कोण को भारी करें
**भवन के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी ध्वजा लगाकर उस कोण को भारी करें
**भवन के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी की मूर्ति दक्षिण दीवाल में स्थापित करें
**इस भवन से निम्न वास्तु लाभ आपको मिलेगा ---
*इशान कोण में पूजा ----समृद्धिदायक
*इशान कोण में जमीन के अंदर पानी की टंकी --समृद्धिदायक
*मुख्य शयन कक्ष नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] में ---मुखिया को सोना चाहिए
*पश्चिम में शयन कक्ष ---लाभदायक
*ड्राइंग रूम का मुख्य द्वार पूर्व मध्य से ---लाभदायक द्वार
*दक्षिण में जहाँ से भवन शुरू हुवा है वहां पर एक और कम्पौंड वाल बनाना चाहिए --इससे दक्षिण में जो ज्यादा जगह छुटी है उसका दोष समाप्त हो जायेगा
*गार्डन की जो सामग्री इशान कोण में रखी है उसे नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] में रखनी चाहिए
** कम्पौंड वाल के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी ध्वजा लगाकर उस कोण को भारी करें
**भवन के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी ध्वजा लगाकर उस कोण को भारी करें
**भवन के नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] मे हनुमान जी की मूर्ति दक्षिण दीवाल में स्थापित करें
**इस भवन से निम्न वास्तु लाभ आपको मिलेगा ---
*इशान कोण में पूजा ----समृद्धिदायक
*इशान कोण में जमीन के अंदर पानी की टंकी --समृद्धिदायक
*मुख्य शयन कक्ष नेऋत्य कोण[दक्षिण-पश्चिम] में ---मुखिया को सोना चाहिए
*पश्चिम में शयन कक्ष ---लाभदायक
*ड्राइंग रूम का मुख्य द्वार पूर्व मध्य से ---लाभदायक द्वार
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