कमाल पाशा एक ऐसा देश भक्त है जिसने अपने देश प्रेम के चलते धर्म को ऐसी कड़ी चुनौती दे डाली जो अपने आप मे एक इतिहास रच गयी
कमाल पाशा जब 1918 मे गद्दी मे बैठा तो उसने सारे धार्मिक गुरुओ को बुलाया ध्यान रहे तुर्की देश इस्लाम पंथी और इस्लाम बहुल वाला देश है
तो कमाल पाशा ने धार्मिक गुरुओ को और कहा की आप आप भगवान को किस भाषा और किस नाम से बुलाते है
धार्मिक गुरुओ ने कहा की --------------की हम भगवान को अरबी भाषा मे बुलाते है
और अल्लाह नाम लेते है
कमाल पाशा जब 1918 मे गद्दी मे बैठा तो उसने सारे धार्मिक गुरुओ को बुलाया ध्यान रहे तुर्की देश इस्लाम पंथी और इस्लाम बहुल वाला देश है
तो कमाल पाशा ने धार्मिक गुरुओ को और कहा की आप आप भगवान को किस भाषा और किस नाम से बुलाते है
धार्मिक गुरुओ ने कहा की --------------की हम भगवान को अरबी भाषा मे बुलाते है
और अल्लाह नाम लेते है
कमाल पाशा ने सख्त लहजे मे मे कहा -----------क्या अल्लाह को मेरे देश की भाषा तुर्की समझ नहीं आती नहीं है
उसने और सख्त लहजे मे फिर से कहा ------------खबरदार जो अबसे किसी ने अरबी भाषा का प्रयोग किया
मेरा देश तुर्की है और तुर्की भाषा मेरी और मेरे देश की मातृभाषा है तो आप सब आज से
अल्लाह को तुर्की भाषा मे तारी कहके बुलाएगे
इसके बाद भी जीवन भर कमाल पाशा ने कई द्देश भक्ति से ओत -प्रौत काम किए
एक और महत्व पूर्ण बात तो मैं आपको बतान ही भूल गया की जिन शहीदो को भारत की सरकारे और नेता आतंकवादी ,लूटेरा डाकू कहती है उनमे मे से एक शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर कमाल पाशा जी ने अपने देश के एक जिले का नाम बदल कर "बिस्मिल " कर दिया !
http://en.wikipedia.org/wiki/ Bismil
उसने और सख्त लहजे मे फिर से कहा ------------खबरदार जो अबसे किसी ने अरबी भाषा का प्रयोग किया
मेरा देश तुर्की है और तुर्की भाषा मेरी और मेरे देश की मातृभाषा है तो आप सब आज से
अल्लाह को तुर्की भाषा मे तारी कहके बुलाएगे
इसके बाद भी जीवन भर कमाल पाशा ने कई द्देश भक्ति से ओत -प्रौत काम किए
एक और महत्व पूर्ण बात तो मैं आपको बतान ही भूल गया की जिन शहीदो को भारत की सरकारे और नेता आतंकवादी ,लूटेरा डाकू कहती है उनमे मे से एक शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर कमाल पाशा जी ने अपने देश के एक जिले का नाम बदल कर "बिस्मिल " कर दिया !
http://en.wikipedia.org/wiki/
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