एक बार की बात है सम्राट अकबर एवं बीरबल ने मार्ग मेँ किसी ब्राह्मण को भीख माँगते देखा।
राजा ने बीरबल से पूछा-यह क्या है?
बीरबल ने तत्काल कहा-महाराज! भूला हुआ है।
अकबर ने कहा-तो इस पण्डित को रास्ते पे लाओ।
बीरबल ने कहा-आ जायेगा राजन! पर समय लगेगा। कृप्या तीन माह की अवधि दीजिये।
राजा ने स्वीकृति दे दी।
शाम को बीरबल ब्राह्मण के घर गया और ब्राह्मण से विद्वान होकर भीख मांगने का कारण पूछा। ब्राह्मण के बताने पर बीरबल ने कहा-कल से प्रात: आप चार बजे जाग जायँ और मेरे लिये दो घण्टे `राम नाम` का जप करेँ, शाम को एक स्वर्ण मुद्रा रोज आपके घर पहुँचा दी जायेगी।
ब्राह्मण को पहले तो यह सुन कर आश्चर्य हुआ , किँतू मन ही मन सोचा कि ऐसा करने मेँ क्या हर्ज है। जप करना स्वीकार कर लिया। पिछले जन्म के कुल के सँस्कार शुभ थे। चार बजे उठने और जप करने मेँ कोई कठिनाई नहीँ हुई। रोज शाम को एक स्वर्ण मुद्रिका मिल जाने से धीरे धीरे ब्राह्मण धनवान हो गया। अभ्यास करते करते राम नाम के दिव्य सँस्कारोँ ने दबे सुसंस्कारो को उभारा। एक दिन ब्राह्मण ने सोचा कि यदि बीरबल के लिये जपने से राम नाम ने धनाढ्य बना दिया तो स्वयंके लिये जपने से तो लोक और परलोक दोनो धनाढ्य हो जायेँगे। ऐसा सोच कर रोज दो घण्टे खुद के लिये जपने लगे। राम नाम की ऐसी कृपा हुई की ब्राह्मण की कामनायेँ खत्म होने लगी और एक दिन ब्राह्मण ने बीरबल से कहा-आप कृप्या सोने की मुद्रिका ना भेजेँ मैँ अब केवल अपने लिये ही जप करूगा। राम नाम की उपासना ने मेरा विवेक एवं वैराग्य जाग्रत कर दिया, प्रभु भक्ति की लग्न लग गयी।
एक दिन ब्राहमण ने पत्नी से कहा-ईश्वर कृपा से अपनी गरीबी दूर हो गयी। सब ठीक हो गया अब आप अनुमति देँ तो मैँ एकान्त मेँ रहकर जप साधना करना चाहता हूँ। पत्नी साध्वी थी अत: उसने स्वीकृति दे दी।
अब ब्राह्मण देवता सतत रामनामोपासनासे राम रंगमेँ रंग गये। साधना फलने फूलने लगी। लोग दर्शनार्थ पधारने लगे धीरे धीरे बात राजा तक पहुँची तो राजा भी एक दिन बीरबल के साथ महात्मा के दर्शन करने पधारे। वापिस लौटते समय अकबर ने कहा-महात्मन!मैँ भारत का बादशाह अकबर आपसे प्रार्थना करता हूँ-यदि आपको किसी चीज की जरूरत पड़े तो नि:संकोच संदेश भिजवाईयेगा, तत्काल मिलेगी। ब्राह्मण देवता मुस्कुराये ओर बोले-राजन!आपके पास ऐसा कुछ नही जिसकी मुझे जरूरत हो। हाँ यदि आपको कुछ चाहिये तो माँगने मेँ संकोच मत करना।
बीरबल ने कहा-राजन!आपने पहचाना इनको, ये वही ब्राह्मण है जो तीन माह पूर्व भीख माँग रहे थे। राम नाम के जप ने एक भिखारी को सच्चा दाता बना दिया है। यह सुनकर अकबर बड़े हैरान हुये।
ये है राम-नाम के जप का प्रभाव जो भीखारी से सच्चा दाता बना दे।
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