बड़ा’ वो नहीं जो खुद के लिए जीता है, खुद के लिए तमाम तमगे हासिल करता है, सारी सुख सुविधाएं खुद के लिए जुटाता है और ताउम्र चैन की नींद सोता है। बल्कि ‘बड़ा’ वो है जो अपनी सारी सुख-सुविधाएं एक तरफ करके अपने आस-पास को बड़ा करता है। जब उसका दायरा बड़ा होता है तो फिर आस-पास, समाज में तब्दील होता है, समाज शहर में और शहर राष्ट्र में। कहने का मतलब है कि वो शख्स अपनी चैन की नींद उन लोगों के लिए न्यौछावर करता है, जिन तक सारी सुविधाएं नहीं पहुंचती हैं।
कहते हैं हज़ारों बुरे दिन पर एक अच्छा दिन भारी पड़ता है। ठीक वैसे ही जैसे तमाम परेशानियों और दु:ख को अगर एक मंज़िल मिल जाती है मानों सारी थकान खत्म हो जाती है। लेकिन एक अच्छा दिन लाने के लिए या मंज़िल पाने के लिए लगातार बिना थके चलने की हिम्मत रखनी पड़ती है। टूटकर बिखर जाने के बाद भी खुद को समेटकर आगे बढ़ने में साहस भरना पड़ता है। यही साहस और हौसला आपके जुनून में घुल-मिलकर आपको बड़ा बनाता है।
1. “एक विचार लो, उस विचार को अपनी जिंदगी बना लो, उसके सपने देखो, उसके बारे में सोचो, अपने हर अंग, मस्तिष्क, शरीर, नसें, ग्रंथिया से उसके बारे में सोचो, हर दूसरे विचार को त्याग दो। यह सफल होने का सबसे अच्छा तरीका है, और इसी तरह से बहुत सी महान आत्मायें उतपन्न होती हैं।”
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2. “आपको अपने अंदर से ही आगे आना होगा, कोई आपको नहीं सिखा सकता , कोई आपको अध्यात्मिक नहीं बना सकता है। यहां कोई शिक्षक नहीं है, सिर्फ आपकी आत्मा ही आपको सिखा सकती है”
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3. “सभी शक्तियां आपके अंदर हैं, आप उनसे सबकुछ कर सकते है। उनमें विश्वास रखिए, कभी नहीं सोचिए की आप कमजोर हैं, कभी यह भी ना सोचें की आप थोडे मुर्ख हैं। आप सबकुछ कर सकते हैं, वह भी बिना किसी की दया से। खडे हो और अपनी दिव्यता को महसुस करो।”
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4. “आपका सबसे बड़ा शत्रु खुद आपका खुद को कमजोर सोचना ही है।”
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5. “हमेशा निडर रहो, निर्भीक होकर अपने विचारों को वहां तक जाने दो जहां तक वह जाने देते हैं, निजरता से उनका जिंदगी भर पालन भी करो।”
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6. “हम वही होते हैं जो हमारे 'विचार' हमें बनाते है, इसलिए इसका ध्यान रखो कि आप क्या सोचते हो। शब्द तो आते-जाते रहते हैं, पर 'विचार' हमेशा साथ रहते हैं।”
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7. “ना तो ज्यादा बोलो और ना ही अनदेखा करो.., आपको हर तरफ से ज्ञान मिल सकता है।” ........ और सबसे बडी बात ...
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8. “जो आग हमें जलाती है वही हमें पालती भी है तो यह आग की गलती नहीं है कि आप जल रहे हैं।”
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कहते हैं हज़ारों बुरे दिन पर एक अच्छा दिन भारी पड़ता है। ठीक वैसे ही जैसे तमाम परेशानियों और दु:ख को अगर एक मंज़िल मिल जाती है मानों सारी थकान खत्म हो जाती है। लेकिन एक अच्छा दिन लाने के लिए या मंज़िल पाने के लिए लगातार बिना थके चलने की हिम्मत रखनी पड़ती है। टूटकर बिखर जाने के बाद भी खुद को समेटकर आगे बढ़ने में साहस भरना पड़ता है। यही साहस और हौसला आपके जुनून में घुल-मिलकर आपको बड़ा बनाता है।
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2. “आपको अपने अंदर से ही आगे आना होगा, कोई आपको नहीं सिखा सकता , कोई आपको अध्यात्मिक नहीं बना सकता है। यहां कोई शिक्षक नहीं है, सिर्फ आपकी आत्मा ही आपको सिखा सकती है”
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3. “सभी शक्तियां आपके अंदर हैं, आप उनसे सबकुछ कर सकते है। उनमें विश्वास रखिए, कभी नहीं सोचिए की आप कमजोर हैं, कभी यह भी ना सोचें की आप थोडे मुर्ख हैं। आप सबकुछ कर सकते हैं, वह भी बिना किसी की दया से। खडे हो और अपनी दिव्यता को महसुस करो।”
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4. “आपका सबसे बड़ा शत्रु खुद आपका खुद को कमजोर सोचना ही है।”
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5. “हमेशा निडर रहो, निर्भीक होकर अपने विचारों को वहां तक जाने दो जहां तक वह जाने देते हैं, निजरता से उनका जिंदगी भर पालन भी करो।”
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6. “हम वही होते हैं जो हमारे 'विचार' हमें बनाते है, इसलिए इसका ध्यान रखो कि आप क्या सोचते हो। शब्द तो आते-जाते रहते हैं, पर 'विचार' हमेशा साथ रहते हैं।”
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7. “ना तो ज्यादा बोलो और ना ही अनदेखा करो.., आपको हर तरफ से ज्ञान मिल सकता है।” ........ और सबसे बडी बात ...
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8. “जो आग हमें जलाती है वही हमें पालती भी है तो यह आग की गलती नहीं है कि आप जल रहे हैं।”
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