शकरकंद


शकरकंद विटामिन ए का स्रोत है, खासतौर पर नारंगी रंग के शकरकंद में इसकी भरपूर मात्रा होती है। माना जाता है कि भारत में बच्चों एवं महिलाओं और अफ्रीका जैसे गरीब देशों में आमतौर पर पाए जाने वाले विटामिन ए की कमी को दूर करने की इसमें खासी क्षमता होती है।
- नारंगी रंग के शकरकंदों और कुछ दूसरी फसलों से बने उत्पादों में ग्लाईकेमिक तत्त्वों की मात्रा कम होने की वजह से वे लोग भी इन उत्पादों का सेवन कर सकेंगे जो मधुमेह के शिकार हैं। भारत में ऐसे रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
- स्कूल जाने वाले बच्चों के मध्याह्न भोजन कार्यक्रम में कंद से तैयार खाद्य उत्पादों को शामिल करने से उनका पोषण और सुधर सकता है।
- कंद फसलों का इस्तेमाल एथेनॉल (जैवईंधन) तैयार करने में भी किया जा सकता है।
- शकरकंद कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन बी6 और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है।रतौंधी तथा बच्चों में वृद्धि रुकने की शिकायत हो तो शकरकंद का सेवन करना चाहिए।
- शकरकंद आँखों की रौशनी बढाता है , मन प्रसन्न करता है , हड्डियों को मज़बूत बनाता है , कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
- शकर कंद भूनकर खाना हृदय को सुरक्षित रखने में उपयोगी है। इसमें हृदय को पोषण देने वाले तत्व पाये जाते हैं। जब तक बाजार में शकरकंद उपलब्ध रहें उचित मात्रा में उपयोग करते रहना चाहिये।

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