चीकू हमारे ह्रदय और रक्त वाहिकाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है।
- चीकू कब्ज और दस्त की बिमारी को ठीक करने बहुत सहायक होता है।
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- चीकू खाने से gastrointestinal CANCER के होने का खतरा कम होता है।
- चीकू में Beta-Cryptoxanthin होता है जो की फेफड़ो के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है।
- चीकू एनिमिया होने से भी रोकता है।
-यह हृदय रोगों और गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है।
- चीकू खाने से आंतों की शक्ति बढती है और आंतें अधिक मजबूत होती हैं।
- चीकू की छाल बुखार नाशक होती है। इस छाल में टैनिन होता है।
- चीकू के फल में थोड़ी सी मात्रा में संपोटिन नामक तत्व रहता है। चीकू के बीज मृदुरेचक और मूत्रकारक माने जाते हैं। चीकू के बीज में सापोनीन एवं संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है।
- चीकू शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक हैं।
- चीकू के पे़ड की छाल से चिकना दूधिया- `रस-चिकल` नामक गोंद निकाला जाता है। उससे चबाने का गोंद च्युंइगम बनता है। यह छोटी-छोटी वस्तुओं को जो़डने के काम आता है। दंत विज्ञान से संबन्धित शल्य क्रिया में `ट्रांसमीशन बेल्ट्स` बनाने में इसका उपयोग होता है। `
- चीकू ज्वर के रोगियों के लिए पथ्यकारक है।
- भोजन के एक घंटे बाद यदि चीकू का सेवन किया जाए तो यह निश्चित रूप से लाभ कारक है।
- चीकू के नित्य सेवन से धातुपुष्ट होती है तथा पेशाब में जलन की परेशानी दूर होती है।
- चीकू कब्ज और दस्त की बिमारी को ठीक करने बहुत सहायक होता है।
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- चीकू खाने से gastrointestinal CANCER के होने का खतरा कम होता है।
- चीकू में Beta-Cryptoxanthin होता है जो की फेफड़ो के कैंसर के होने के खतरे को कम करता है।
- चीकू एनिमिया होने से भी रोकता है।
-यह हृदय रोगों और गुर्दे के रोगों को भी होने से रोकता है।
- चीकू खाने से आंतों की शक्ति बढती है और आंतें अधिक मजबूत होती हैं।
- चीकू की छाल बुखार नाशक होती है। इस छाल में टैनिन होता है।
- चीकू के फल में थोड़ी सी मात्रा में संपोटिन नामक तत्व रहता है। चीकू के बीज मृदुरेचक और मूत्रकारक माने जाते हैं। चीकू के बीज में सापोनीन एवं संपोटिनीन नामक कड़वा पदार्थ होता है।
- चीकू शीतल, पित्तनाशक, पौष्टिक, मीठे और रूचिकारक हैं।
- चीकू के पे़ड की छाल से चिकना दूधिया- `रस-चिकल` नामक गोंद निकाला जाता है। उससे चबाने का गोंद च्युंइगम बनता है। यह छोटी-छोटी वस्तुओं को जो़डने के काम आता है। दंत विज्ञान से संबन्धित शल्य क्रिया में `ट्रांसमीशन बेल्ट्स` बनाने में इसका उपयोग होता है। `
- चीकू ज्वर के रोगियों के लिए पथ्यकारक है।
- भोजन के एक घंटे बाद यदि चीकू का सेवन किया जाए तो यह निश्चित रूप से लाभ कारक है।
- चीकू के नित्य सेवन से धातुपुष्ट होती है तथा पेशाब में जलन की परेशानी दूर होती है।