हाई ब्लड पेशर एक गंभीर समस्या है। अनियमित खान-पान, गैस, अनिद्रा और नमक के अधिक सेवन से यह बीमारी पैदा हो जाती है। उच्च रक्तचाप के रोगी को एल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि एल्कोहल हृदयगति को बढाता है। हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। जैसे- दिमाग, आंख, दिल, गुर्दा और शरीर की धमनियां। अगर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको हार्ट-अटैक, नस फटने और किडनी फेल होने की ज्यादा संभावना होती है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। नियमित व्यायाम रक्त-संचार को स्थिर करता है और हार्ट-अटैक की संभावना को कम करता है।
हाई ब्लड प्रेशर के रोगी के लिए योग
हाई ब्लड प्रेशर के रोगी के लिए योग
शीतली व्यातयाम :
उच्च रक्तचाप के रोगी को सबसे पहले अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए। उसके बाद सुखासन ( आराम की मुद्रा ) में बैठकर जीभ को बाहर निकालकर नलीनुमा बनाइए और मुंह से सांस को आराम से अंदर खींचिए। सांस अंदर खीचने के बाद जीभ अंदर करके मुंह बंद करें और फिर नाक से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। शुरूआत में यह क्रिया 5 बार कीजिए उसके बाद इसे बढाकर 50-60 कर दीजिए।
अंग संचालन :
इसे सूक्ष्म व्यायाम भी कहा जाता है जिसका बहुत महत्व है। इस क्रिया का पूरी तरह से अभ्यास कर लेने के बाद ही योगासन करना चाहिए। अंग संचालन के अंतर्गत आंख, गर्दन, कंधे, हाथ-पैर, घुटने, एडी-पंजे, कूल्हों आदि अंगों की एक्सरसाइज की जाती है। जैसे कि पैरों की अंगुलियों को मोडना-खोलना, पंजे को आगे-पीछे करना, गोल-गोल घुमाना, कलाई मोडना, कंधों को घुमाना, गर्दन को क्लॉकवाइज-एंटीक्लाअकवाइज घुमाना और मुटि्ठयों को कसकर बांधना-खोलना आदि किया जाता है। इस क्रिया को सीखकर प्रतिदिन 10-10 बार रोज करें।
ध्यान :
सिद्धासन में बैठकर बांए हाथ को अपनी गोद में रखें। हथेली ऊपर की ओर रखकर दाएं हाथ को बाएं हाथ पर रखें। ध्यान रहे हथेली ऊपर की ओर ही रहनी चाहिए। उसके बाद दोनों हाथों के अंगूंठों के अगले भाग को आपस में मिला दीजिए। फिर आखों को बंदकर सांस को अंदर-बाहर कीजिए। इससे दिमाग और मन को शांति मिलती है।
शवासन :
यह बहुत ही आसान क्रिया है। इसको करने के लिए पीठ की साइड में लेट जाएं। पूरे शरीर और मांसपेशियों को एकदम ढीला छोड दीजिए। चेहरे पर से तनाव को एकदम से हटा दीजिए। उसके बाद धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लेते हुए नींद लेने जैसा महसूस करें। इस क्रिया का अभ्यास प्रतिदिन 10 मिनट तक कीजिए।
प्राणायाम :
प्राणायाम सांस की गति और रक्त संचार को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को नाडीशोधन प्राणायाम और उज्जकयी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर कम होता है) करना चाहिए। प्राणायाम को 2-5 मिनट तक करना चाहिए।
योगा तनाव को कम करके रक्तसंचार को सामान्य करने का सबसे कारगर तरीका है। उच्च रक्तचाप के रोगी को व्यायाम के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी काम नही करना चाहिए जिससे कि दिल की धडकन तेज हो। इसके अलावा समय पर सोना-उठना, आरामदायक व साफ बिस्तर, सोने वाले स्थान पर शांति आदि का ख्याल रखना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के रोगी को सबसे पहले अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए। उसके बाद सुखासन ( आराम की मुद्रा ) में बैठकर जीभ को बाहर निकालकर नलीनुमा बनाइए और मुंह से सांस को आराम से अंदर खींचिए। सांस अंदर खीचने के बाद जीभ अंदर करके मुंह बंद करें और फिर नाक से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। शुरूआत में यह क्रिया 5 बार कीजिए उसके बाद इसे बढाकर 50-60 कर दीजिए।
अंग संचालन :
इसे सूक्ष्म व्यायाम भी कहा जाता है जिसका बहुत महत्व है। इस क्रिया का पूरी तरह से अभ्यास कर लेने के बाद ही योगासन करना चाहिए। अंग संचालन के अंतर्गत आंख, गर्दन, कंधे, हाथ-पैर, घुटने, एडी-पंजे, कूल्हों आदि अंगों की एक्सरसाइज की जाती है। जैसे कि पैरों की अंगुलियों को मोडना-खोलना, पंजे को आगे-पीछे करना, गोल-गोल घुमाना, कलाई मोडना, कंधों को घुमाना, गर्दन को क्लॉकवाइज-एंटीक्लाअकवाइज घुमाना और मुटि्ठयों को कसकर बांधना-खोलना आदि किया जाता है। इस क्रिया को सीखकर प्रतिदिन 10-10 बार रोज करें।
ध्यान :
सिद्धासन में बैठकर बांए हाथ को अपनी गोद में रखें। हथेली ऊपर की ओर रखकर दाएं हाथ को बाएं हाथ पर रखें। ध्यान रहे हथेली ऊपर की ओर ही रहनी चाहिए। उसके बाद दोनों हाथों के अंगूंठों के अगले भाग को आपस में मिला दीजिए। फिर आखों को बंदकर सांस को अंदर-बाहर कीजिए। इससे दिमाग और मन को शांति मिलती है।
शवासन :
यह बहुत ही आसान क्रिया है। इसको करने के लिए पीठ की साइड में लेट जाएं। पूरे शरीर और मांसपेशियों को एकदम ढीला छोड दीजिए। चेहरे पर से तनाव को एकदम से हटा दीजिए। उसके बाद धीरे-धीरे गहरी और लंबी सांस लेते हुए नींद लेने जैसा महसूस करें। इस क्रिया का अभ्यास प्रतिदिन 10 मिनट तक कीजिए।
प्राणायाम :
प्राणायाम सांस की गति और रक्त संचार को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को नाडीशोधन प्राणायाम और उज्जकयी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर कम होता है) करना चाहिए। प्राणायाम को 2-5 मिनट तक करना चाहिए।
योगा तनाव को कम करके रक्तसंचार को सामान्य करने का सबसे कारगर तरीका है। उच्च रक्तचाप के रोगी को व्यायाम के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी काम नही करना चाहिए जिससे कि दिल की धडकन तेज हो। इसके अलावा समय पर सोना-उठना, आरामदायक व साफ बिस्तर, सोने वाले स्थान पर शांति आदि का ख्याल रखना चाहिए।
COURTESY : SWADESHI AAPNAYE
Tags:
swadesi