वृष : इस
माह
शनि
देव
आपके
अष्टम
भाव
से
गोचर
करेंगे।
नौकरी
में
परिवर्तन
की
सम्भावनाएं
रहेंगी।
ट्रांसफर
के
आसार
भी
नज़र
आ रहे
हैं।
पिता
को
स्वास्थ्य
सम्बन्धी
तकलीफों
के
प्रति
सचेत
रहना
चाहिए।
कार्य
क्षेत्र
को
लेकर
आप
यात्राएं
भी
कर
सकते
हैं।
ख़र्च
बढ़ने
की
संभावना
है।
राहु
देव
आपके
चौथे
भाव
से
गोचर
करेंगे
जिसके
परिणामस्वरुप
आपको
मानसिक
कष्ट
हो
सकता
है।
माता
के
स्वास्थ्य
के
लिए
यह
माह
कुछ
शुभ
संकेत
नहीं
दे
रहा
है।
कार्य
क्षेत्र
में
उच्च
अधिकारियों
व सहकर्मियों
के
साथ
आपको
तालमेल
बिठाकर
चलना
होगा।
गुरु
की
पंचम
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
संतान
के
इच्छुक
दंपतियों
की
मुराद
पूरी
कर
सकता
है।
संतान
की
शिक्षा
में
प्रगति
होगी।
कोई
धार्मिक
यात्रा
संभव
है।
सूर्य
व शुक्र
का
एकादश
भाव
में
गोचर
प्रॉपर्टी
खरीदने
की
ओर
संकेत
कर
रहा
है।
अनेक
स्रोतों
से
धन
लाभ
प्राप्त
होने
की
सम्भावना
है।
नौकरी
में
उच्च
पद,
मान-सम्मान
व प्रतिष्ठा
की
प्राप्ति
संभव
है।
मंगल
की
द्वादश
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
के
कारण
व्यापार
में
आपको
विदेशी
स्रोतों
से
धन
लाभ
हो
सकता
है।
मिथुन : इस माह
शनि
देव
आपके
सप्तम
भाव
से
गोचर
करेंगे
जिसके
परिणामस्वरूप
बिज़नेस
को
लेकर
आप
लंबी
यात्रा
कर
सकते
हैं।
भाग्य
पक्ष
मजबूत
रहेगा
और
कम
मेहनत
से
आपको
अधिक
लाभ
प्राप्त
होगा।
राहु
की
तृतीय
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
आपके
साहस
व पराक्रम
में
वृद्धि
करेगी।
आपके
कार्य
क्षमता
में
इज़ाफा
होगा।
वैवाहिक
जीवन
में
तनाव
उत्पन्न
हो
सकता
है।
। गुरु
के
चौथे
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
पारिवारिक
सुख
में
वृद्धि
की
ओर
इशारा
कर
रही
है।
माता
के
स्वभाव
में
आध्यात्मिकता
की
बढ़ोतरी
होगी।
नौकरी
में
प्रमोशन
व मान-सम्मान
की
प्राप्ति
संभव
है।
केतु
की
नवम
भाव
में
स्थिति
आपको
कोई
धार्मिक
यात्रा
करवा
सकती
है।
पिता
के
स्वास्थ्य
के
प्रति
सतर्कता
बरतनी
होगी।
उनके
स्वभाव
में
आध्यात्मिकता
की
वृद्धि
संभव
है ।
इस
दौरान
आपको
उच्च
पद
की
प्राप्ति
हो
सकती
है।
कार्य
स्थल
पर
उच्च
अधिकारी
व सहयोगियों
का
पूरा
साथ
मिलेगा।
मंगल
व बुध
की
एकादश
भाव
में
स्थिति
के
कारण
आपको
अनेक
स्रोतों
से
लाभ
प्राप्त
होगा।
आपके
द्वारा
किए
गए
प्रयासों
में
पूर्ण
सफलता
मिलने
की
उम्मीद
रहेगी।
कर्क : इस महीने
शनि
देव
आपके
छठे
भाव
से
गोचर
करेंगे
जिसके
फलस्वरुप
अप
विरोधियों
व शत्रुओं
पर
हावी
रहेंगे।
प्रतियोगी
परीक्षा
में
आपको
ज़बरदस्त
सफलता
मिलने
के
आसार
हैं।
अपने
कार्य
क्षेत्र
में
आप
जमकर
मेहनत
करेंगे।
नेत्र
व मुख
से
जुड़े
रोग
की
आशंका
है।
राहु
के
दूसरे
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
आपको
आर्थिक
मोर्चे
पर
सावधान
रहने
की
ओर
इशारा
कर
रही
है।
कोई
भी
बड़ा
निवेश
करने
से
पहले
आपको
सोच-विचार
कर
लेना
चाहिए।
नौकरी
में
परिवर्तन
संभव
है।
वैवाहिक
जीवन
व बिज़नेस
काफी
अच्छा
रहने
की
सम्भावना
रहेगी।
पिता
का
पूर्ण
सुख
प्राप्त
होगा
और
उन्हें
कोई
बड़ा
मान-सम्मान
मिलने
की
उम्मीद
रहेगी।
भाग्य
पक्ष
मजबूत
रहेगा।
कम
मेहनत
से
ज्यादा
लाभ
मिलने
की
सम्भावना
रहेगी। आकस्मिक चोट लगने की सम्भावना रहेगी। आर्थिक स्तर पर आपको सतर्क रहना होगा। शुक्र व सूर्य की नवम भाव में स्थिति जबर्दस्त धन प्राप्ति की ओर इशारा कर रही है। पिता के सहयोग से कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। पारिवारिक सुखों में वृद्धि होने की सम्भावना रहेगी। मंगल व बुध का दशम भाव में गोचर नौकरी में प्रमोशन व उच्च पद प्राप्ति की ओर इशारा कर रहा है। आपको उच्च अधिकारियों की कृपा व मान-सम्मान प्राप्त होने की उम्मीद है।
सिंह: इस माह शनि देव की पंचम भाव में गोचरीय स्थिति के कारण बिज़नेस व दाम्पत्य जीवन में आपको ख़ुशियाँ प्राप्त होंगी। संतान पक्ष को शिक्षा में रुकावट व स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। राहु का प्रथम भाव से गोचर होना आपको सेहत के प्रति सावधान रहने की ओर इशारा कर रहा है। आपके पिता को स्वास्थ्य सम्बन्धी कष्ट हो सकता है। गुरु की द्वितीय भाव में गोचरीय स्थिति पारिवारिक सुखों में वृद्धि करेगी। नौकरी में उच्च पद व सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। ख़र्चों में बढ़ोतरी होने की सम्भावना है। । जीवन साथी को स्वास्थ्य से जुड़ी तकलीफें रह सकती हैं। भाई-बहनों से मनमुटाव संभव है। शुक्र व सूर्य का अष्टम भाव से गोचर नौकरी में परिवर्तन को दर्शा रहा है। स्वास्थ्य को लेकर आपको सचेत रहना होगा। । मंगल व बुध की नवम भाव में गोचरीय स्थिति लंबी यात्राओं से आपको धन लाभ दे सकती है। जमीन-जायदाद खरीदने के भी योग बने हुए हैं। माता के सहयोग से आपको लाभ प्राप्त होगा।
कन्या : इस
महीने
शनि
का
गोचर
आपके
चौथे
भाव
से
होगा,
जो
कि
मानसिक
शांति
के
लिए
एक
शुभ
संकेत
नहीं
है।
जिससे
मानसिक
शांति
भंग
होने
की
सम्भावना
है।
स्वास्थ्य
के
लिए
भी
शनि
की
यह
स्थिति
बिलकुल
उचित
नहीं
है।
राहु
की
द्वादश
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
बायीं
आँख
व पैरों
में
कष्ट
दे
सकती
है।
माता
की
सेहत
का
खास
ख्याल
रखना
होगा।
गुरु
की
प्रथम
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
आपकी
आध्यात्मिकता
में
बढ़ोतरी
करेगी।
संतान
को
शिक्षा
में
मनचाहे
परिणाम
प्राप्त
होने
की
उम्मीद
है।
आप
किसी
धार्मिक
यात्रा
पर
भी
जा
सकते
हैं।
केतु
की
छठे
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
के
कारण
विरोधियों
पर
आपका
दबदबा
कायम
रहेगा।
। आपके
ख़र्चों
में
अधिकता
रहेगी।
सूर्य
व शुक्र
का
सप्तम
भाव
में
गोचर
जहाँ
एक
ओर
प्रेम
में
वृद्धि
करेगा
वहीं
दूसरी
ओर
दाम्पत्य
जीवन
में
तनाव
भी
संभव
है।
बुध
व मंगल
का
अष्टम
भाव
से
गोचर
करना
शारीरिक
कष्ट
दे
सकता
है।
वसीयत
या
पैतृक
सम्पति
का
लाभ
मिलने
की
सम्भावना
रहेगी।
नौकरी
में
परिवर्तन
संभव
है।
ट्रांसफर
आदि
होने
के
भी
आसार
हैं।
तुला : इस महीने शनि देव आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे। आपके साहस व पराक्रम में बढ़ोतरी होगी। आप अपने कार्य क्षेत्र में जमकर परिश्रम करेंगे। कम मेहनत से ज्यादा लाभ मिलने की सम्भावना रहेगी। राहु का एकादश भाव में गोचर आपको अनेक स्रोतों से लाभ देगा। शेयर बाजार व सट्टा-लॉटरी से अच्छा धन लाभ होने की सम्भावना रहेगी ,गुरु का द्वादश भाव से गोचर धार्मिक क्रियाकलापों पर आपका धन ख़र्च करवाएगा। घर में शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन संभव है। वसीयत या पैतृक सम्पत्ति की प्राप्ति भी हो सकती है। केतु का पंचम भाव से गोचर मन्त्र सिद्धि व आध्यात्मिक गतिविधियों में लिप्त लोगों के लिए अति उत्तम है। छात्रों को शिक्षा में पूर्ण सफलता प्राप्त होने के योग हैं। हालाँकि कुछ विद्यार्थियों को ख़राब स्वास्थ्य के चलते पढ़ाई में नुकसान उठाना पड़ सकता है। सूर्य व शुक्र की छठे भाव में गोचरीय स्थिति के कारण आप काफी ऊर्जावान और परिश्रमी रहेंगे। आपके रोगों का नाश होगा। पैतृक सम्पति से जुड़ा कोई विवाद इस दौरान सुलझ सकता है। मंगल व बुध का सप्तम भाव से गोचर बिज़नेस में अच्छी आर्थिक उन्नति होने के संकेत दे रहा है। जीवन साथी के स्वभाव में क्रोध की अधिकता बढ़ सकती है। विदेशी स्रोतों से जुड़े व्यापार में आपके निवेश करने की सम्भावना रहेगी।
वृश्चिक: इस माह शनि देव का गोचर आपके द्वितीय भाव से होगा जिसके परिणामस्वरूप आपके निवास स्थान में परिवर्तन संभव है । गुरु के एकादश भाव में गोचर करने से आर्थिक मामलों में आपको रिकॉर्ड-तोड़ सफलता प्राप्त होने की उम्मीद है,बिज़नेस के क्षेत्र में आश्चर्यजनक प्रगति कर सकते हैं। राहु की दशम भाव में गोचरीय स्थिति नौकरी में परिवर्तन की ओर इशारा कर रही है। नौकरी में ट्रांसफर होने की सम्भावना भी है। ख़र्चों की अधिकता रह सकती है। केतु का चौथे भाव में गोचर आपकी मानसिक शांति को भंग कर सकता है। प्रॉपर्टी बिकने का योग भी है। माता का रुझान आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ बढ़ सकता है। उन्हें अपनी सेहत का ख्याल भी रखना होगा। बुध व मंगल की छठे भाव में गोचरीय स्थिति के कारण आप विरोधियों व शत्रुओं पर हावी रहेंगे। आपका स्वास्थ्य काफी अच्छा रहेगा। सूर्य व शुक्र का पंचम भाव में गोचर बिज़नेस में जबरदस्त लाभ को इंगित कर रहा है। दाम्पत्य जीवन काफी श्रेष्ठ रहने की सम्भावना है।
धनु : इस
महीने शनि देव
का गोचर आपके
प्रथम भाव से
होगा जिसके फलस्वरूप
निज प्रयासों से
धन कमाने में
आप सफल रहेंगे।
भाई-बहन व
मित्रों का पूर्ण
सहयोग आपको मिलता
रहेगा। राहु का
नवम भाव में
गोचर पिता को
सेहत से जुड़ी
समस्याएं दे सकता
है। आप पवित्र
स्नान आदि करने
के लिए धार्मिक
स्थलों की यात्रा
पर जा सकते
हैं। केतु का
तृतीय भाव में
गोचर आपके पराक्रम
व साहस में
बढ़ोतरी करेगा। दाम्पत्य जीवन
तनावमय रह सकता
है। गुरु की
दशम भाव में
गोचरीय स्थिति के कारण
आपको प्रमोशन यानि
उच्च पद की
प्राप्ति हो सकती
है। वरिष्ठ अधिकारियों
की कृपा आप
पर बनी रहेगी।
आर्थिक स्थिति में सुधार
होगा। सूर्य व
शुक्र के चौथे
भाव में गोचरीय
स्थिति के कारण
आप अपना निवास
स्थान बदल सकते
हैं। नया घर
लेने के योग
भी बन रहे
हैं। । माता
से सम्बन्ध काफी
अच्छे रहेंगे व
उनका पूर्ण सहयोग
आपको प्राप्त होगा।
मंगल व बुध
की पंचम भाव
में गोचरीय स्थिति
के कारण संतान
पक्ष की प्रगति
होगी। उन्हें नई
नौकरी की प्राप्ति
हो सकती है।
प्रेम सम्बन्ध मजबूत
होंगे।
मकर: इस
महीने
शनि
देव
की
गोचरीय
स्थिति
आपके
द्वादश
भाव
से
होने
के
कारण
आपके
ख़र्च
बढ़
सकते
हैं।
नेत्रों
व पैरों
में
विकार
संभव है। गुरु के नवम भाव में गोचर करने के कारण आपके व पिता के स्वभाव में धार्मिक रुचि पैदा होगी। तीर्थ यात्रा करने के योग भी बन रहे हैं। संतान पक्ष के आश्चर्यजनक उन्नति होने के संकेत हैं। । केतु के द्वितीय भाव में गोचर करने के कारण अचानक धन लाभ या हानि संभव है। नौकरी में परिवर्तन या ट्रांसफर होने की सम्भावना रहेगी। राहु का अष्टम भाव से गोचर अचानक पैतृक सम्पति से जुड़ा कोई विवाद खड़ा कर सकता है। अचानक चोट लगने की भी आशंका है। । सूर्य व शुक्र के तीसरे भाव से गोचर करने के कारण कार्य क्षेत्र में किसी साथी से विवाद उत्पन्न होने की सम्भावना रहेगी। भाई-बहनों को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। नौकरी के चलते आप छोटी-छोटी यात्राएं कर सकते हैं। मंगल व बुध का चौथे भाव से गोचर प्रॉपर्टी खरीदने के योग बना रहा है। माता के स्वभाव में क्रोध की अधिकता संभव है। जमीन-जायदाद से जुड़ा कोई मामला तूल पकड़ सकता है।
कुम्भ: इस महीने शनि देव आपके ग्याहरवें भाव से गोचर करेंगे। इस दौरान आपकी आय में इजाफ़ा होगा। आमदनी के नए स्रोत प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य काफी बेहतर रहेगा। पैतृक सम्पत्ति का लाभ भी संभव है। बड़े भाई से सहयोग व सहायता मिलेगी। केतु के प्रथम भाव में गोचर करने के कारण आपके अंदर आध्यात्मिकता का संचार होगा। शारीरिक कष्ट के प्रति सचेत रहना होगा। पिता व संतान से मनमुटाव संभव है। गुरु के अष्टम भाव से गोचर करने के कारण गूढ़ विद्याओं के प्रति आपका रुझान बढ़ेगा। आर्थिक उन्नति होने के संकेत हैं। माता से आपका लगाव बढ़ेगा व उनका पूर्ण सहयोग आपको प्राप्त होगा राहु
की
सप्तम
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
के
कारण
दाम्पत्य
जीवन
संघर्षमय
रह
सकता
है।
बिज़नेस
में
अचानक
लाभ
व हानि
संभव
है।
भाई-बहनों
को
अपने
स्वास्थ्य
के
प्रति
सतर्कता
रखनी
होगी।
सूर्य
व शुक्र
की
द्वितीय
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
के
कारण
बिज़नेस
में
आपको
ज़बरदस्त
लाभ
मिल
सकता
है।
लंबी
दूरी
की
यात्राएं
फायदेमंद
रहेंगी।
बुध
व मंगल
के
तृतीय
भाव
में
गोचर
करने
के
कारण
आपको
कम
प्रयास
से
अधिक
लाभ
प्राप्त
होगा।
भाई-बहनों
से
मनमुटाव
व मतभेद
संभव
है।
तकनीकी
विषयों
की
पढ़ाई
कर
रहे
छात्रों
की
शिक्षा
में
उन्नति
होगी।
मीन: इस
महीने
शनि
देव
आपके
दशम
भाव
से
गोचर
करेंगे
जिसके
फलस्वरुप
नौकरी
में
परिवर्तन
संभव
है।
अपने
कार्य
क्षेत्र
में
आप
जमकर
परिश्रम
करेंगे।
नौकरी
के
चलते
विदेश
जाने
की
सम्भावना
भी
रहेगी।
निवास
स्थान
में
परिवर्तन
संभव
है।
आप
परिवार
से
दूर
रह
सकते
हैं।
बिज़नेस
में
हानि
होने
की
आशंका
रहेगी।
दाम्पत्य
जीवन
संघर्षमय
रह
सकता
है।
राहु
की
छठे
भाव
में
गोचरीय
स्थिति
के
कारण
विरोधियों
और
शत्रुओं
पर
आप
भारी
पड़ेंगे ।
रोगों
का
नाश
होगा।
अनिंद्रा,
नेत्र
व पैरों
से
जुड़ीं
तकलीफें
संभव
हैं।
परिवार
में
तनाव
की
स्थिति
उत्पन्न
हो
सकती
है।
गुरु
का
सप्तम
भाव
में
गोचर
रोगों
को
दूर
करने
का
काम
करेगा।
मित्रों
व भाई-बहनों
से
सम्बन्ध
सौहार्दपूर्ण
रहेंगे।
शुक्र
व सूर्य
के
प्रथम
भाव
में
गोचर
करने
के
कारण
स्वास्थ्य
के
प्रति
आपको
सचेत
रहना
होगा।
गूढ़
विद्याओं
के
प्रति
आपका
आकर्षण
संभव
है।
पैतृक
सम्पत्ति
से
जुड़ा
कोई
विवाद
आपके
सामने
आ सकता
है।
मंगल
व बुध
के
द्वितीय
भाव
में
गोचर
करने
के
कारण
आर्थिक
स्थिति
काफी
सुदृढ़
रहेगी।
इस
दौरान
आप
नया
घर
खरीद
सकते
हैं।
बिज़नेस
में
उन्नति
होने
के
संकेत
हैं।
प्रॉपर्टी
डीलिंग
से
जुड़ा
काम
करने
वालों
को
जबरदस्त
धन
लाभ
होने
की
सम्भावना
है।
यदि
कोई भी सलाह लेनी हो तो मेल कर सकते है या व्हाट्सएप्प पर अपनी समस्या भेज सकते है